प्रसूता के पति मुन्ना आदिवासी ने बताया कि बड़ौदा से रैफर किए जाने के बाद पत्नी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मगर जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में भर्ती की पत्नी की किसी ने सुध नहीं ली। यह बात मुझे खुद पत्नी वार्ड से बाहर आकर बताई। इसके बाद हम दोनो वापस बड़ौदा जाने के लिए बारां जाने वाली बस में जाकर बैठ गए।
बड़ौदा जाने के लिए यात्री बस मे बैठी प्रसूता गीता आदिवासी की डिलीवरी बस के पुल दरवाजे पर पहुंचते ही हो गई। जहां उसने बस के अंदर बालिका को जन्म दिया। जिसकी सूचना बस में बैठे अन्य यात्रियों ने बस स्टॉफ को दी। बस स्टॉफ ने बस रोककर 108 पर फोन कर जननी वाहन को बुलवाया। जिसके जरिए जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल लाकर मेटरनिटी वार्ड में भर्ती करवाया।
डॉ एसआर मीणा, बीएमओ,बड़ौदा