ग्वालियरPublished: Nov 26, 2021 01:17:54 pm
Subodh Tripathi
बाहुबल का शौक अब महिलाओं को भी रास आने लगा है। इनमें कुछ को रसूख का शौक विरासत में मिला है
पुनीत श्रीवास्तव.ग्वालियर. अंचल में बंदूक मर्दों के लिए रसूख से कम नहीं हैं, लेकिन बाहुबल का शौक अब महिलाओं को भी रास आने लगा है। इनमें कुछ को रसूख का शौक विरासत में मिला है तो ज्यादातर ने शौक को पूरा करने के लिए बंदूक टांगी है। हालांकि शस्त्रधारी बनी महिलाएं बंदूक को रसूख नहीं बल्कि सुरक्षा के लिए जरूरी मानती हैं। सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से जिले में 33,106 शस्त्र लाइसेंसधारक हैं। इस फेहरिस्त में 225 महिलाओं के नाम भी हैं।