महिलाओं ने मस्ती के बीच खेले गेम्स कार्यक्रम का संचालन नीरू दीक्षित और दीपी गुप्ता ने किया। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को मोटिवेट भी किया। इस मौके पर मौजूद महिलाओं को हाउजी, स्पोर्ट्स एक्टिविटी और डांस व मस्ती के बीच कई गेम खिलाए गए।
केवल आज ही हमारा दिन नहीं है बल्कि हर दिन हमारा है। नारी ही सृष्टि की संरचना करती है और हम किसी से भी कम नहीं हैं। महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए।
रूचि राय ठाकुर, डायरेक्टर, रीवायटल मंत्रा भारत में नारी को सर्वाधिक सम्मान दिया जाता है। आज नारी घर-परिवार के साथ-साथ दूसरे सभी कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पुरूषों को उन्हें सपोर्ट करना चाहिए।
अंजू जैन, समाजसेवी मैं यदि बेटा होती तो मेरी लाइफ कलरफुल नहीं होती। बेटी होने के कारण ही मेरी लाइफ इतनी कलरफुल है। दुनिया मेरे नजरिए से चले मुझे ऐसा मुकाम बनाना है।
निशा शर्मा, डांस कोरियोग्राफर आज नारियां सबसे अधिक क्राइम का शिकार हो रही हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। आज महिला को खुद ही अपनी सुरक्षा करनी होगी। मेरे हिसाब से नारी को बदलाव की जरूरत है।
डॉ.नीति पांडे, प्रिंसिपल, माधव लॉ कॉलेज हर महिला चाहती है कि दुनिया उसी के नजरिए से चले। वैसे भी नारी की भूमिका महत्वपूर्ण है। आज समाज के इस कमजोर हो चुके तबके को आगे लाना होगा।
मंजू अग्रवाल, समाजसेवी हमें जो स्त्री की देह मिली है उसे अच्छे कार्यों में लगाना होगा। महिला और पुरूष दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कहीं भी कम नहीं हैं।
सहजो, आर्किटेक्ट मातृ शक्ति के पास बहुत सारी शक्तियां मौजूद हैं, जरूरत है उसे बाहर निकालने की। सबसे पहले खुद को फिर अपने परिवार को व्यवस्थित करना होगा। कविता सोनी, समाजसेविका महिलाओं को उनकी काबिलियत के मुताबिक रिस्पांस नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए हमें खुद ही
आगे आना होगा। पुरूष प्रधान देश की धारणा को बदलना होगा। रूपाली मांगलिक, जेसीआइ ग्वालियर पास्ट पे्रसीडेंट सोच को बदलना जरूरी है क्योंकि यदि सोच बदलेगी तो ही समाज बदलेगा। आज समाज में बदलाव की बयार है। बेटियां देश का भविष्य हैं इनके बारे में सभी को सोचना होगा।
तान्या मित्तल, मिस एशिया