गुरु के राग पर बजाई गत प्रसिद्ध सितार वादक मंजू मेहता ने सितार वादन में आलाप, जोड़, झाला की प्रस्तुति दी। इसके बाद गुरु द्वारा रचित राग जोगेश्वरी रूपक ताल में विलंबित गत एक ताल व तीन ताल में गतों की प्रस्तुति देकर हर एक का दिल जीता। उनके साथ पखावज पर जगत नारायण शर्मा व तबले पर संजय राठोर ने संगत दी।
तेरो मन में कितनो गुण रे… कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति मुक्ता विवेक और अंजलि राजोरिया ने राग भुपाली में आलाप, जोड़, झाला व चौताल में ध्रुपद तान तलवार की तान की सिफ र पर दी। इसके बाद उन्होंने जलद सूल में तेरो मन में कितनो गुण रे… की प्रस्तुति देकर हर एक को ताली बजाने पर विवश कर दिया। उनके साथ तानपुरे पर आकांक्षा भोंडेले, कशिश वर्मा व पखावज पर संजय आगले जी संगत दी।
राग रागेश्री से शुरुआत मुंबई की युवा ध्रुपद गायिका पेलवा नाइक ने राग रागेश्री में आलाप, जोड़, झाला व झपताल प्रथम सुर साधे में प्रस्तुति दी। उनके साथ पखावज पर संजय आगले व तानपुरे पर भानु प्रकाश व आदित्य शर्मा ने साथ दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एबीवी ट्रिपल आईटीएम के निदेशक प्रो. एसजी देशमुख ने की। कार्यक्रम का संचालन रुचि ने किया।