scriptवेतन, पेंशन, भर्ती के मसले पर दफ्तरों में काम बंद | Work stopped in offices on the issue of salary, pension, recruitment | Patrika News

वेतन, पेंशन, भर्ती के मसले पर दफ्तरों में काम बंद

locationग्वालियरPublished: Jan 09, 2020 12:46:46 am

Submitted by:

Puneet Shriwastav

परेशान होते रहेलोग, रैली निकालकर जताया विरोध

People will be troubled, protested by taking out rally

वेतन, पेंशन, भर्ती के मसले पर दफ्तरों में काम बंद

पुनीत श्रीवास्तव@ग्वालियर। केन्द्र सरकार की नीतियों को गलत मानकर समान कार्य समान वेतन सहित कई मांग पर बुधवार को बैंक, आयकर, बीमा सहित कई सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों के कर्मचारियों ने काम बंद रखा। हड़ताल का बडा असर बैंक में कामकाज बंद होने पर दिखा।
इसके अलावा सरकारी दफ्तरों में भी लोग कर्मचारियों के काम बंद रखने से परेशान होते रहे। कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान किसी तरह का हंगामा नहीं हो इसलिए पुलिस भी सुबह से सर्तक रही। फूलबाग पर बुधवार माकपा ने आंदोलनकारी कर्मचारियों के साथ धरना दिया। इस दौरान ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर के बैनर तले रैली निकाल कर अपनी ताकत दिखाई।
केन्द्र सरकार की नीतियों को कर्मचारी विरोधी बताकर ८ जनवरी को सीटू, इंटक, एटक, सहित १० राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन के साथ बुधवार को आंगनवाडी, पीएचई, पीडब्ल्यूडी, नगरपालिका निगम, कारखानों के मजदूरों और कर्मचारियों ने कामकाज बंद रखा।इन कर्मचारियों ने फूलबाग पर इक्टठे होकर समान कार्य, समान वेतन, न्यूनतम वेतन २१ हजार रु लागू कराने, विभाग के निजीकरण पर रोक, सरकारी विभागों में नए युवकों की भर्ती और पेंशन १० हजार रु लागू कराने को लेकर धरना दिया।
इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाए कि मोदी सरकार बडे उद्योगपतियों को तो करोड़ों रु की सब्सिडी में छूट दे रही है। जबकि जो कर्मचारी दिन रात मेहनत कर रहे हैं उनकी नौकरियों पर संकट है। जब उनके पगार और पेंशन की बारी आती है तो सरकार हक मारने की कोशिश में है। सरकार १९२६ में बने श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूर कर्मचारियों को ठेका प्रथा मानदेय के कर्मचारियों रखकर शोषण करने पर आमादा है।
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