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पुलिस ने बताया टीकमगढ़ निवासी संदीप पुत्र हरनारायण रैकवार ने दो साल पहले पुलिस विभाग की कंम्प्यूटर शाखा में सिपाही के पद के लिए आवेदन किया था। इसमें आरक्षण का फायदा उठाने के लिए संदीप ने जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया। इसके आधार पर उसने आवेदन किया। लिखित परीक्षा पास की, इसमें चयन होने पर 25 दिसंबर 2017 को उसे फिजीकल टेस्ट के लिए एसएएफ की 14 बटालियन पर बुलाया गया। यहां संदीप को मूल प्रमाण पत्रों के साथ आना था।
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उसे उम्मीद नहीं थी कि जो प्रमाण पत्र उसने बनवाए हैं उनका फरेब पकड़ा जाएगा। इसलिए संदीप बेधडक़ प्रमाण लेकर शारीरिक परीक्षण परीक्षा में शामिल हो गया। यहां टेबिल नंबर 10 पर नेमाचंद आर्य ने उसके दस्तावेज चेक किए। शारीरिक परीक्षा देकर संदीप चला गया। उसने जो दस्तावेज प्रस्तुत किए थे उनकी जांच की गई तो उसमें जाति प्रमाण पत्र फर्जी निकला।
इसे भी पढ़ें : देश में यहां लगती है महादेव की अदालत, जहां जज बन भोलेनाथ सुनते हैं मामले और सुनाते हैं अपना फैसला संदीप टीकमगढ़ का रहने वाला था तो वहां पुलिस को मामले की जांच के लिए कहा गया। लेकिन पता चला कि संदीप ने जाति और निवास प्रमाण पत्र ग्वालियर से बनवाए थे तो अजाक पुलिस को पड़ताल के लिए केस सौंपा गया। उसमें संदीप का फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर कंपू पुलिस ने धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया है।