ग्वालियर

स्वरचित कविता में दिखे देशभक्ति से भरे युवा जज्बात

आइटीएम यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन कॉम्पीटिशन
 

ग्वालियरJan 23, 2022 / 10:15 am

Mahesh Gupta

स्वरचित कविता में दिखे देशभक्ति से भरे युवा जज्बात

ग्वालियर.
देख ये मंजर जाने कितनों की रूह कांप जाती है… देशप्रेम से लबरेज कुछ ऐसे ही भाव निकल रहे थे युवाओं के दिल से, जो स्वयं कविता लिखकर अपने विचारों को मंच पर प्रस्तुत कर रहे थे। अवसर था आइटीएम यूनिवर्सिटी में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता का। परफॉर्मिंग आर्ट क्लब की ओर से ऑनलाइन प्रतियोगिता में यूनिवर्सिटी के विभिन्न डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स ने भाग लिया। इस कॉम्पीटिशन का विषय देशभक्ति था, जिसके अंतर्गत प्रतिभागियों ने देशप्रेम और देशभावना से सरोबार अपने विचारों को कविताओं के जरिए प्रस्तुत किया। निर्णायक के रूप में हिंदी प्राध्यापक डॉ रेखा वशिष्ठ, हिंदी अध्यापिका नीलिमा वाही, प्राध्यापक डॉ आभा दयाल मौजूद रहे। इस मौके पर ऑनलाइन माध्यम से डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ शशिकांत गुप्ता, कॉर्डिनेटर तृप्ति पाठक, निधि दंडौतिया सभी प्रतिभागी, स्टूडेंट्स व फैकल्टीज उपस्थित रहें।
मजहबों के नाम पर लडऩे वालों दिया एकता का संदेश
इस स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता में स्टूडेंट्स ने समाज में धर्म के नाम पर हो रही लड़ाइयों से द्रवित होकर भी कविता लिखी। एक प्रतिभागी स्टूडेंट ने कुछ ऐसे बयां किया हमने फहराया तिरंगे को अपनी पूरी शान से हमे मिली आजादी वीरों के बलिदान से। अलग-अलग धर्मों की बातें कौन देश में करता है। साथ खड़े हो लोग सभी देश तभी बनता है। सरहदों की रखवाली तो सेना अपनी करती है। वो एक गोली भी सीनें में लगने से पहले लाखों दफा डरती है…। वहीं गांधीजी पर भी कई प्रतिभागियों ने कविता लिखी। जिनमें से एक थी सब कहते हैं बापू उसको, नाम उसका गांधी था। अहिंसा का ले अस्त्र, जिसने अपना देश बचाया था। काम ऐसा कि अंग्रेजों ने सर झुकाया था, विद्रोह था हमेशा, अंग्रेजों के खिलाफ। मगर न लिया कभी, ंिहसा का साथ। लाठी लेकर सिखाया, अहिंसा और सत्य है धर्म हमारा।

Home / Gwalior / स्वरचित कविता में दिखे देशभक्ति से भरे युवा जज्बात

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.