कला और संस्कृति से परिचित होने गांव पहुंचेंगे डोमेस्टिक टूरिस्ट
आइआइटीटीएम के डायरेक्टर प्रो. आलोक शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के कारण युवाओं की नौकरी छिन गई है। ऐसे में वे अपने गांव की ओर रुख कर रहे हैं। यकीनन अब रूरल टूरिज्म भी डवलप होगा। युवा अपने खेतो में इनोवेशन करेंगे और अपने संस्कृति को जोड़ते हुए ऐसी चीजें डवलप करेंगे, जिससे डोमेस्टिक टूरिस्ट वहां अपनी कला और संस्कृति से रूबरू होने पहुंचेगा। उसे खुलापन, देसी खानपान, पहनावे में इंट्रेस्ट आएगा। इसके लिए युवाओं का टूरिज्म से जुड़े कोर्स की ओर भी इंट्रेस्ट बढ़ रहा है। क्योंकि अन्य लोगों की अपेक्षा प्रशिक्षण प्राप्त ये युवा और भी अच्छा कर पाएंगे।
इनमें मिलेगा सुनहरा अवसर
पर्यटन से जुडऩे के लिए युवाओं के लिए 12वीं और ग्रेजुएशन के बाद कई कोर्स हैं। इनमें बीबीए टूरिज्म एंड ट्रेवल, एमबीए टरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट, इन्क्रेडेबल इंडिया टूरिस्ट फैसिलिटेटर कोर्स, बेसिक फॉरेन लैंग्वेज कोर्स आदि शामिल हैं। अब ऑनलाइन कोर्स भी अवेलेबल हैं।
टूरिज्म से जुड़े युवाओं को मिलेगा फायदा
आइआइटीटीएम के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चन्द्रशेखर बरुआ ने बताया कि फॉरेन कंट्रीज में कोविड-19 का असर अधिक होने के कारण लोग घूमने के लिए इंडिया प्रिफर करेंगे और यह काफी लम्बे समय तक रहेगा। इसमें उन युवाओं को फायदा मिलेगा, जो टूरिज्म से जुड़े हैं। अभी भी यदि स्टूडेंट्स टूरिज्म फील्ड में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो वह डिग्री एवं डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। क्योंकि इस फील्ड में आने वाले कुछ वर्षों में अचानक बूम आएगा।