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ग्वालियर के लोगों पर पडऩे वाली है दोहरी मार, एक मुसीबत गई नहीं थी अब दूसरी ने जमाया डेरा

locationग्वालियरPublished: Nov 10, 2018 12:35:32 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

ग्वालियर के लोगों पर पडऩे वाली है दोहरी मार, एक मुसीबत गई नहीं थी अब दूसरी ने जमाया डेरा

zika and dengue attack on gwalior city

ग्वालियर के लोगों पर पडऩे वाली है दोहरी मार, डेंगू गया नहीं जीका भी आया सताने

ग्वालियर। शहर के साथ-साथ ग्वालियर-चंबल संभाग में डेंगू का डर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अभी तक शहर में 900 से अधिक डेंगू के मरीज मिल चुके हैं, जिससे डेंगू के मामले में पिछले दस वर्ष का रेकॉर्ड टूट चुका है। इसी बीच शहर में चिकुनगुनिया ने दस्तक दे दी।

इन दोनों के चलते राजस्थान से चलकर भोपाल तक जा पहुंचा जीका वायरस कहीं ग्वालियर में दस्तक न दे जाए, इससे लोग भयभीत होने लगे हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट तो कर दिया है, लेकिन जयारोग्य अस्पताल समेत अंचल के अस्पतालों में इसकी रोकथाम के अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए हैं। कुल मिलाकर स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में पूरी तरह लडखड़़ा चुकी हैं।

डेंगू के संदिग्ध मरीजों की जांच गजराराजा मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में हो रही है, प्रतिदिन काफी संख्या में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। इनकी बढ़ती संख्या से शासकीय अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। डेंगू का डर दिखाकर मरीजों से निजी अस्पताल के संचालक अधिक पैसा वसूल रहे हैं।

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डेंगू
डेंगू तीन तरह का होता है। साधारण डेंगू बुखार,डेंगू हैमरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम। साधारण डेंगू ठीक हो जाता है पर दूसरे और तीसरे नम्बर के डेंगू का तत्काल इलाज शुरू न हो तो जानलेवा हो सकता है। मच्छरों के काटने के 3 से लेकर 10 दिन में इसके लक्षण दिखने लगते हैं।

उपाय

उपचार

चिकन गुनिया

उपचार

ये है बीमारी का कारण
जीका, डेंगू, व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का कारण एडीज, इंजिस्टाई और एडीज एल्बो पिक्टस को इयन टाइगर मच्छर भी कहते हैं। यह अफ्रीका से आया मच्छर है। जीका वायरस एडीज इंजिस्टाई और एडीज एलबो पिक्टर मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में पनपते हैं। जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर ने किसी संक्रमित व्यक्ति को काटा है और फिर वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो वह जीका से पीडि़त हो सकता है। प्रभावित इलाके में रहने और असुरक्षित शारीरिक संबंध भी संक्रमण का कारण बन सकता है। सबसे अधिक खतरा गर्भवती महिलाओं के शिशु को रहता है, गर्भपात हो सकता है। शिशु के मस्तिष्क का आकार छोटा हो सकता है। यह मच्छर सुबह और शाम के समय सक्रिय रहता है। रात को भी काट सकता है।

जीका वायरस खतरनाक
जानकारों के अनुसार जीका वायरस गर्भवती महिला और नवजात शिशु के लिए ज्यादा खतरनाक है। वहीं डेंगू का असर भी बच्चों पर तेजी से पड़ रहा है। इससे शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आ सकती है। जरा सी सावधानी लोग यदि कर लें तो जीका वायरस, डेंगू, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी से बचा जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि जरा सी सावधानी बरती तो आधे से ज्यादा खतरा तो अपने आप ही कम हो जाता है।

मच्छरों से बचने के उपाय

जीका वायरस से होने वाली बीमारी के लक्षण

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