अवैध खनन के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले विजय द्विवेदी एडवोकेट ने बताया कि इस समय 2012 के बाद मौरंग खनन के पट्टों की सीबीआई जांच चल रही है। इसके बीच इस साल ई- टेंडरिंग के जरिए जनपद में मौरंग खनन के कई पट्टे हुए हैं। उनमें भी नियम विरुद्ध तरीके से खनन किया जा रहा है। जिससे नदियों का स्वरूप बदल रहा है। जलधारा पतली हो गई है। जलीय जीव जन्तुओं को खतरा पैदा हो गया है। इतना ही नहीं पट्टाधारक पर्यावरण की फर्जी ईआरए रिपोर्ट बनवाकर खनन में लगे हुए हैं।
अनशनकारी विजय द्विवेदी ने बताया की अवैध खनन को लेकर पट्टाधारक के विरुद्ध रिपोर्ट भी दर्ज हुई है। उसके बावजूद अवैध तरीके से मौरंग खनन किया जा रहा है। कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने जिन अवैध मौरंग डंपों को सीज किया था उन्हें भी मौरंग माफियाओं ने बेच डाला है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। अनशन के पहले दिन यंग बार एसोसिएशन और भरतीय किसान यूनियन भी याचिकाकर्ता के समर्थन में उतर आई। अनशनकारियों में मुख्य रूप से यंग बार के अध्यक्ष अरशद खालिद, महामंत्री दीपक चक्रवर्ती, शैलेंद्र सचान, भाकियू के जिलाध्यक्ष महेश कुमार तिवारी, रामपाल चिकासी आदि रहे।