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हमीरपुर में हुए बवाल को लेकर बड़ा खुलासा, सीएम योगी के एक्शन से मचा हड़कंप

locationहमीरपुरPublished: Sep 27, 2018 02:40:16 pm

मिर्जापुर पीएसी में तैनात रहे संतोष कुमार सिंह को एएसपी हमीरपुर बनाया गया है…

ASP Lal Sahab Yadav transfer after hamirpur ruckus

हमीरपुर में हुए बवाल को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, इस अधिकारी पर गिरी गाज

हमीरपुर. हमीरपुर में कंस वध मेले की शोभायात्रा को लेकर हुए बवाल के बाद अभी भी तनाव का माहौल बना हुआ है। बाजार, स्कूल बंद हैं और सड़कें सन्नाटे में डूबी हैं। लोगों के बीच दिनभर तरह-तरह की अफवाहें दौड़ रही हैं। वहीं इस बीच अपर पुलिस अधीक्षक हमीरपुर के पद पर तैनात लाल साहब यादव को मिर्जापुर पीएसी में भेज दिया गया। जबकि मिर्जापुर पीएसी में तैनात रहे संतोष कुमार सिंह को एएसपी हमीरपुर बनाया गया है। हालांकि लाल साहब यादव के साथ कुल 13 अधिकारियों का तबादला हुआ है। माना जा रहा है कि तमाम घटनाओं से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी नाराज हैं और उनके निर्देश पर ही यह कार्रवाई हुई है।
जिले में कर्फ्यू जैसा माहौल

बवाल के बाद जिले में कर्फ्यू जैसा माहौल है। इस दौरान ड्रोन से पूरे कस्बे की निगरानी भी जारी है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद हमीरपुर में डेरा डाले एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एसएन साबत के साथ ही पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक ने पुलिस, पीएसी और आरएएफ के साथ रूटमार्च किया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने व शांति बनाए रखने की अपील की। इधर स्थानीय लोगों में घटना को लेकर गुस्सा है और वह इसके लिए प्रशासन को पूरी तरह से दोषी ठहरा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन की चूक का नतीजा

मंगलवार को हुए उपद्रव के पीछे लोग स्थानीय प्रशासन की चूक का नतीजा मान रहे हैं। उनके मुताबिक बवाल की चिंगारी सोमवार शाम से ही सुलग रही थी, रास्ते के विवाद को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने थे। सुलह के प्रयास विफल हो गए थे, इसके बावजूद दोनों पक्षों को एक जगह आने का मौका दिया गया। इसी वजह से बवाल बढ़ गया। सोमवार रात में सांसद ने शोभायात्रा निकाले जाने की घोषणा के बाद सुबह से ही मेला आयोजकों ने कस्बे में कई बार अनाउंस कराया और गुड़ाही बाजार लोगों से इकट्ठा होने की अपील की। इतना ही नहीं आसपास के गांवों से भी दोनों पक्षों ने अपने-अपने समर्थकों को बुलवाया। यह सब होता रहा और पुलिस-प्रशासन ने इसे नजरअंदाज किया। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते विवादित स्थल के आसपास लोगों की भीड़ इकट्ठा होने से रोका जाता तो शायद यह घटना नहीं होती।
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