जिले में कर्फ्यू जैसा माहौल बवाल के बाद जिले में कर्फ्यू जैसा माहौल है। इस दौरान ड्रोन से पूरे कस्बे की निगरानी भी जारी है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद हमीरपुर में डेरा डाले एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एसएन साबत के साथ ही पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक ने पुलिस, पीएसी और आरएएफ के साथ रूटमार्च किया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने व शांति बनाए रखने की अपील की। इधर स्थानीय लोगों में घटना को लेकर गुस्सा है और वह इसके लिए प्रशासन को पूरी तरह से दोषी ठहरा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन की चूक का नतीजा मंगलवार को हुए उपद्रव के पीछे लोग स्थानीय प्रशासन की चूक का नतीजा मान रहे हैं। उनके मुताबिक बवाल की चिंगारी सोमवार शाम से ही सुलग रही थी, रास्ते के विवाद को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने थे। सुलह के प्रयास विफल हो गए थे, इसके बावजूद दोनों पक्षों को एक जगह आने का मौका दिया गया। इसी वजह से बवाल बढ़ गया। सोमवार रात में सांसद ने शोभायात्रा निकाले जाने की घोषणा के बाद सुबह से ही मेला आयोजकों ने कस्बे में कई बार अनाउंस कराया और गुड़ाही बाजार लोगों से इकट्ठा होने की अपील की। इतना ही नहीं आसपास के गांवों से भी दोनों पक्षों ने अपने-अपने समर्थकों को बुलवाया। यह सब होता रहा और पुलिस-प्रशासन ने इसे नजरअंदाज किया। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते विवादित स्थल के आसपास लोगों की भीड़ इकट्ठा होने से रोका जाता तो शायद यह घटना नहीं होती।