scriptयहां मिला पानी में राम के नाम का तैरता हुआ पत्थर, रामसेतु का माना जा रहा हिस्सा, लगी श्रद्धालुओं की भीड़ | bhagwan Sri Ram Naam floating Stone found in Hamirpur | Patrika News

यहां मिला पानी में राम के नाम का तैरता हुआ पत्थर, रामसेतु का माना जा रहा हिस्सा, लगी श्रद्धालुओं की भीड़

locationहमीरपुरPublished: Aug 08, 2018 11:53:44 am

हमीरपुर में यमुना-बेतवा संगम स्थल के पास पत्यौरा ग्राम पंचायत के मलिहा तालाब गांव में एक पत्थर तैरता हुआ मिला है।

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यहां मिला पानी में राम के नाम का तैरता हुआ पत्थर, रामसेतु का माना जा रहा हिस्सा, लगी श्रद्धालुओं की भीड़

हमीरपुर. आस्थाओं के देश भारत में पत्थर पूजे जाते हैं, ऐसे में अगर कोई बड़ा सा पत्थर पानी में तैरता मिल जाए तो अंदाजा लगाइए की ऐसे पत्थर की पूजा होगी या नहीं। हमीरपुर में यमुना-बेतवा संगम स्थल के पास पत्यौरा ग्राम पंचायत के मलिहा तालाब गांव में एक पत्थर तैरता हुआ मिला है। ग्रमीणों ने पत्थर को तैरते देख सूचना गांव वालों को दी, जिसके बाद सैकड़ों लोग यहां पहुंच गये, और शुरू हो गया यहां पूजा पाठ का सिलसिला।

यमुना-बेतवा नदियों के संगमस्थल में तैरते हुए इस पत्थर को देख कर आप भी हैरत में पड़ गये होंगे, लेकिन यह सच्चाई है, और यह सच्चाई देखने को मिली है, हमीरपुर के पत्यौरा ग्राम पंचायत के मलिहातालाब गांव में। ये गांव केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का पैतृक गांव है। पानी में तैरने वाले पत्थर का वजऩ 07 किलो बतया जा रहा है। यहां कुछ ग्रामीणों ने यमुना नदी में इस पत्थर को तैरते देखा और इसकी सूचना गांव तक पहुंच गई। सूचना मिलते ही आस्था और भक्ति में डूबे सैकड़ों लोग यहां इकठ्ठा हो गये और शुरू हो गया यहां पूजा पाठ का सिलसिला।

संगम स्थल से पत्थर मिलने की सूचना जैसे लोगों को मिल रही है। आस्था और भक्ति में डूबे सैकड़ों लोग यहां पहुंचने शुरू हो गये हैं। इस पत्थर में राम का नाम उकेरा हुआ है और इस पत्थर को नदी के किनारे स्थित बड़े देव बाबा मंदिर में स्थापित किया गया है। सावन के महीने में घटी इस घटना को लोग चमत्कार मान रहे हैं। लोगों का मानना है कि यह तैरता हुआ पत्थर रामसेतु का हिस्सा है।

सैकड़ों साल पहले त्रेतायुग में भगवान राम ने लंका विजय से पूर्व जो पत्थरों से राम सेतु बनाया था। यमुना नदी में मिले पत्थर को भी श्रद्धालु राम सेतु के पत्थर से जोड़ कर देख रहे हैं और भक्ति भाव से इस पत्थर की पूजा अर्चना शुरू कर दी है, इस पानी में तैरते पत्थर की सच्चाई क्या है, यह वैज्ञानिक ही बता पाएंगे।

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