नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने युवराज सिंह के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने युवराज सिंह को भारी बहुमत से जिताने की अपील की। दिनेश शर्मा ने कहा कि मोदी-योगी के काम चढ़ कर बोलेंगे, भाजपा की एक तरफा जीत होगी और विपक्ष का सूपड़ा साफ होगा।
कांग्रेस और सपा के रास्ते भाजपा में शामिल युवराज सिंह कांग्रेस और सपा के रास्ते भाजपा तक पहुंचे हैं। उन्होंने एक साल पहले ही भाजपा ज्वाइन की थी। हमीरपुर सीट से भाजपा विधायक रहे अशोक सिंह चंदेल को सजायाफता मिलने के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी।
युवराज सिंह 1989 में मदौहा विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने। अब यह विधानसभा सीट समाप्त कर इसे हमीरपुर विधानसभा में सम्मलित कर दिया गया है। इसके बाद 2003 से 2010 तक वह बांदा- हमीरपुर से समाजवादी पार्टी के सिंबल पर विधान परिषद सदस्य रहे। युवराज के पिता स्वर्गीय ब्रजराज सिंह भी 1962 से 1967 और 1969 से 1974 तक मौदहा विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा वे चंद्रभाग गुप्ता की सरकार में राज्यमंत्री भी थे। बता दें कि भाजपा ने राज्यसभा की खाली दो सीटों पर उन्हीं को टिकट दिया है, जिनके इस्तीफे से सीटें खाली हुई हैं। सपा से भाजपा में आए संजय सेठ और सुरेंद्र नागर को उनके इस्तीफे के बाद भाजपा से राज्यसभा सदस्य बनाया गया।