हमीरपुर में सदर अस्पताल का यह एसएनसीयू वार्ड है, जहां गंभीर बच्चों को भर्ती किया जाता है, लेकिन अस्पताल प्रशासन के लापरवाह रवैय्ये की वजह से यह एस.एन.सी.यू वार्ड खुद ही मरीज़ बना हुआ है, हद तो यह है की आज यहां अॉक्सीजन तक उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से यहां मरीज बच्चों को भी भर्ती नहीं किया जा रहा है, यहां तैनात नर्स का कहना है जब यहां आक्सीजन नहीं है तो फिर हम मरीज़ को भर्ती कर के क्यों करें।
इस एस.एन.सी.यू वार्ड में अॉक्सीजन ना होने की वजह से आज एक नवजात बच्चे की जान पर बन आई है, हमीरपुर में मौदहा कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले इस गरीब परिवार को मौदहा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द से सदर अस्पताल के लिये रिफर किया गया था, लेकिन यहां पहुंचने के बाद अब इनके इस नवजात बच्चे को भर्ती नहीं किया जा रहा है, इन गरीब परिजनों के पास इतने पैसे नहीं हैं की यह कहीं प्राइवेट अस्पताल में जाकर अपने बच्चे का इलाज करा सकें, इसलिए यह बेचारे डाक्टरों के सामने गिडगिडाने में लगे हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
अस्पताल में अॉक्सीजन की कमी होने की सूचना मीडिया के लोगों ने जब सदर एसडीएम को दी तो यह यहां आनन- फानन में पहुंच गये और अॉक्सीजन की कमी मानते हुए इसको दूर कराने की बात कह रहे हैं।
गोरखपुर के बीआरडी में आक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के बाद जिस तरह से योगी सरकार हरकत में आई थी, उसको देख कर ऐसा लगा था, की अब दोबारा आक्सीजन की कमी से कही किसी बच्चे की जान नहीं जायेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, कुछ बीत जाने के बाद एक बार फिर वैसे ही हालात अस्पतालों में देखने को मिलने लगे हैं, जहां आक्सीजन की कमी की वजह से आज फिर एक नवजात की जान आफत में पड़ गई है।