धरने पर बैठे व्यापारी
इस अभियान में एक महिला की दुकान तोड़ कर कर्मचारियों ने मिट्टी में मिला दी, साथ में वह विधवा महिला भी धरने पर बैठ गई व्यापारियों ने दुकानें बन्द कर दी और सड़कों पर उतर कर हंगामा करने लगे। सड़कों पर धरना और प्रदर्शन कर रहे यह सभी लोग राठ के पटरी दुकानदार हैं जो सड़कों के किनारे अपनी छोटी-छोटी दुकानें रख कर अपनी जीविका चला रहे हैं। आज नगर प्रशासन ने अतिक्रमण किए इन दुकानदारों की दुकानें हटाने का हुक्म दिया तो यह सभी दूकानदार सड़कों पर उतर आए और धरने पर बैठ गए। इन लोगों को लगता है कि अगर इनकी दुकानें हटा दी गईं तो इनके सामने रोज़ी-रोटी का सवाल खड़ा हो जाएगा।
दुकानदारों की सीमाएं तय करने की तैयारी
राठ में अक्सर यह देखने को मिलता है कि कोट बाजार और चौराहों पर अक्सर जाम जैसी स्थित बनी रहती है और इसी जाम से निजात दिलाने के लिए इनकी दुकानें हटाई जानी थी, लेकिन उससे पहले ही इन दुकानदारों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। समाज सेवियों का कहना है कि इन दुकानदारों की सीमा तय की जाए। अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है और कुछ दिन बाद फिर वहीं दुकानदार अपनी दुकानें उसी स्थान पर सजा कर फिर से अतिक्रमण कर लेते हैं। रोज रोज की झंझट से बचने के लिए नगर प्रशासन और नगर पालिका को चाहिए कि इन दुकानदारों की सीमाएं तय कर दी जाएं और जब कोई दुकानदार उस सीमा को लांघे तो उसके ऊपर कार्रवाई अमल में लाई जाए, तभी इस समस्या का समाधान हो सकेगा।