हमीरपुर के सरीला विकास खंड क्षेत्र के चंडौत गांव में बने नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस समय खुद बीमार है। यहां समुचित सुविधाएं नदारद हैं। डॉक्टर तो आते हैं, लेकिन भवन की हालत जर्जर है। बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता रहता है। इसके बावजूद स्वास्थ्य कर्मी कार्यों का निष्पादन करते रहते हैं। स्वास्थ्य केंद्र प्रांगण में पेयजल व्यवस्था भी सुचारू नहीं है। हैंडपंप है, लेकिन कई सालों से खराब पड़ा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मरीज खासा परेशान होते है। सुविधाओं का घोर अभाव है।
कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवास अब धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं स्वास्थ्य विभाग के प्रांगण में चारों तरफ लगे जंगल झाड़ की वजह से अस्पताल आज चारागाह में तब्दील हो चुका है। देखरेख के अभाव में भवन के अंदर बड़े बड़े पेड़ भी खड़े हो गए हैं कुछ अराजकतत्व शौच करने के लिए उसी भवन के अंदर जाते हैं। आलम यह है कि अब यह भवन पूरी तहर जर्जर हो चुका है। दीवारों में दरार पड़ चुकी हैं, घास उग आई है और खिड़कियां, दरवाजे व फर्श भी टूट चुका है। दीवार से प्लास्टर उखड़ रहा है, दरवाजे, खिड़की को अराजक तत्व उखाड़ ले गए हैं। चहारदीवारी में लगा गेट और दीवार की ईंटें गायब कर दी गई हैं जगह जगह चहारदीवार( बाउंड्री) भी टूटी हुई है स्वास्थ्य केन्द्र का मुख्य दरवाजा भी गायब है और न ही अस्पताल प्रांगण में बिजली कि समुचित व्यवस्था है। लाखों रुपए की लागत से बनी बिल्डिंग भी आज जर्जर हालत में है।
गौरतलब है कि सरकार एक और गांव गांव में बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने स्वास्थ्य्य केंद्र बनाने तथा उसे संसाधन युक्त करने की बात कह रही है। मगर विडंबना है कि सरीला विकासखंड अंतर्गत चंडौत गांव में स्वास्थ्य संरचना का हाल बेहाल है ।