हमीरपुर जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती ये बच्चे सरकारी प्राइमरी स्कूल के है जो बुधवार को स्कूल में मिड डे मील का खराब दूध पीकर उल्टी दस्त के शिकार हो गए है। इनका इलाज चल रहा है। डॉक्टर का कहना है कि अब इनकी हालात में सुधार हो रहा है इन्होंने कोई जहरीली चीज खाई है।
हमीरपुर जिले के मेरापुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में बुधवार सुबह बच्चों को मिड डे मील का दूध पिलाया गया था दूध पीकर अचानक कई बच्चों को उल्टी दस्त होने लगे, जिसमें से चार बच्चों की हालत ज्यादा खराब होने की वजह से उन्हें जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है, अभी बच्चे बोलने की कंडीशन पर नहीं है। पर स्कूल टीचर इस घटना का दोष बच्चों के परिजनों पर ही मढ़ने पर उतारू है। टीचर का कहना है कि बच्चे अपने घर से सुबह मठा पीकर आए थे उसी के कारण इनकी तबियत खराब हुई है। इसमें मिड डे मील में दिए गए दूध में कोई कमी नहीं थी।
बच्चों के परिजन झूठ बोल रहे है कि स्कूल के दूध पीने से उनकी तबियत बिगड़ी है। जबकि असलियत कुछ और है। जबकि बच्चों की मां का कहना है कि सुबह बच्चे नाश्ता करके अच्छे खासे स्कूल गए थे और स्कूल का दूध पीकर ही उनकी तबियत बिगड़ी है। इस मामले में दोनों लोग अलग-अलग बाते बता रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार की सख्ती के बावजूद भी सरकारी स्कूलों के अध्यापक लापरवाही करने से बाज नहीं आ रहे है। ताजा मामले में भी अध्यापकों की घोर लापरवाही के चलते एक दर्जन बच्चों को खराब दूध पीकर बीमार हो कर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। स्कूल के अध्यापिका उल्टा बच्चों के परिजनों पर ही दोष मढ़ने पर लगी हुई दिखाई दे रही है।