आपको बता दें कि राठ नगर पालिका अध्यक्ष की सीट पहली बार सन 1995 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई थी। जिसमें पहली बार इस सीट से भाजपा के टिकट पर अनिल कुमार अहिरवार अध्यक्ष चुने गए। इनके बाद छविलाल वर्मा, श्रीमती हीरादेवी तथा काशीप्रसाद अहिरवार समाजवादी पार्टी से अध्यक्ष रह चुके हैं। करीब 22 वर्ष आरक्षित रहने के बाद इस बार यह सीट फिर से सामान्य हुई है। सीट सामान्य होते ही सवर्ण तथा पिछड़ा वर्ग से चुनाव लड़ने से वंचित चल रहे दावेदारों में चहलकदमीं शुरू हो गई थी। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों में इन्ही दो वर्गों से टिकट के दावेदारों की ज्यादा भीड़ है।
सबसे पहले बात करते हैं सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी की। चूंकि यह दल प्रदेश व केन्द्र में सत्तासीन है इसलिए इसमें टिकट के दावेदारों की भीड़ स्वाभाविक है। भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांगने वालों में पूर्व नगर अध्यक्ष कृष्ण कुमार गुप्ता बंटी, पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता, ब्रम्ह विचार मंच के अध्यक्ष राकेश मिश्रा, स्वर्णकार धर्मशाला अध्यक्ष ब्रजभूषण दाऊ, डा. रविन्द्र मिश्रा, रविन्द्र शर्मा, अनिल श्रीवास्तव, गोपीराम राजपूत, प्रकाश हिंगवासिया सहित दो दर्जन दावेदार हैं। कांग्रेस पार्टी से अनुसूचित मोर्चा जिलाध्यक्ष गोविन्द अहिरवार, टिल्लू आनन्द, अनूप भटनागर, धनश्याम साहू, ब्रजपाल राजपूत सहित एक दर्जन से अधिक ने टिकट के लिए दावेदारी की थी। बहुजन समाज पार्टी में राकेश दीक्षित, इरशाद खां उर्फ रानू ठेकेदार, हरिमोहन सर्राफ उर्फ पप्पू सोनी सहित करीब आधा दर्जन मजबूती से दावेदारी ठोके हुए हैं। समाजवादी पार्टी में श्रीनिवास बुधौलिया, शोबी सय्यदा वालिदा दानिश खान, सुरेश खेवरिया, सत्यपाल यादव, अमीना पत्नी अब्दुल जब्बार, तथा नीरा यादव पत्नी स्व. नरेन्द्र यादव एड. आदि की दावेदारी मजबूत बताई जा रही है।