जानिए क्या है पूरा मामला
मामला हमीरपुर जनपद के गोहाण्ड कस्बे का सामने आया है, जहां पेयजल संकट से जूझते लोगों ने परेशान होकर आगामी लोकसभा चुनाव में नोटा बटन दबाने की चेतावनी देते हुए ऐलान किया है। जल निगम की उदासीनता के चलते नगर गोहाण्ड की आधी आबादी 2 वर्ष से पेयजल संकट से जूझ रही है इस विभाग को सूचित करने के बाद भी अधिकारी इस समस्या के प्रति गंभीर नहीं हैं। जल संस्थान की यूनिट 1 जो लगभग 40 वर्ष पूर्व स्थापित हुई जिस यूनिट के दोनों नलकूपों ने फरवरी 2016 से पानी देना बंद कर दिया था तब से कांशीराम कॉलोनी में स्थित नलकूप से पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी जिसकी क्षमता बहुत कम है।
रिवोर की प्रक्रिया आज तक नहीं हुई शुरू
कस्बा निवासी रघुनंदन प्रसाद ने बताया कि विभाग द्वारा एक नई बोर विगत वर्ष किया गया था जो फेल हो गया है। तब से लेकर आज तक पुनः रिवोर की प्रक्रिया आज तक शुरू नहीं हुई। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता हमीरपुर से बात करने पर उन्होंने बताया कि शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जैसे ही वहां से पैसा आ जाएगा हम तुरंत रिवोर करवा देंगे और जो अभी जल निगम बांदा के इलेक्ट्रिकल मेकेनिकल डिवीजन के द्वारा बनाया गया था। वह हैंडोवर होने से पहले फेल हो गया है।
ऐसी स्थिति में नगर की आधी आबादी भयंकर पेयजल संकट से बूंद बूंद पानी की मोहताज है। नगर पंचायत के टैंकरों से पानी दिया जा रहा है और विभाग कानों में तेल डाले बैठा है यदि इस समस्या का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो जनता नोटा पर वोट करने के लिए विवश हो जाएगी यह बात कस्बा वासियों ने कहीं है।
शासन की नीतियों पर लग रहा पलीता
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी बुंदेलखंड की पेयजल व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के निर्देश आलाअधिकारियों को दिए थे वहीं दूसरी ओर उदासीन अधिकारी शासन की नीतियों पर पलीता लगाने का काम कर रहे हैं।