हमीरपुर. प्रदेश में विधान सभा चुनावों के ऐलान के साथ ही आर्दश आचार संहिता प्रभावी हो गई है। इसका पालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारीयों के कन्धे पर आ गई है। लेकिन जब पुलिस ने सड़क पर उतरकर लाल नीली बत्तियों के खिलाफ अभियान छेड़ा तो सबसे ज्यादा नीली बत्ती लगी कारें ही लपेटे में आई। कुछ में तो जिम्मेदार अधिकारी बैठे थे। दिन में चले अभियान के दौरान आधा दर्जन से अधिक सरकारी विभागों से संबद्व वाहनों की नीली बत्तियां हटाई गई। पार्टी के झंडे लगी कारों के झंडे स्टीकर और पोस्टर भी हटाए गए।
शहर कोतवाल पीके सिंह और ट्रैफिक इंचार्ज अनिल कुमार यादव की संयुक्त अगुवाई में पुलिस पीएसी की टीम ने रानी लक्ष्मीबाई तिराहे के पास वाहन चालकों को आर्दश आचार संहिता का पाठ पढ़ाया। टीम ने हूटर लगाकर भागने वाले वाहनों के हूटर निकलवा लिए। लाल नीली बत्ती लगी गाड़ियों की विशेष चेकिंग की गई।
इस दौरान ज्यादतर जिला स्तरीय अधिकारी पुलिस के लपेटे में आए। महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके सचान की गाड़ी में लगी नीली बत्ती कोतवाल ने उतरवा दी। कुछ देर बाद विकास भवन से नीली बत्ती लगी कार से चले आ रहे उपायुक्त स्वत: रोजगार ज्ञानेश्वर तिवारी की कार से भी पुलिस ने नीली बत्ती उतार ली। इसके आलावा आधा दर्जन प्राइवेट कारों की नीली बत्ती उतारी गई। इतने ही हूटर भी हटाए गए। कारों में लगे राजनैतिक झंडे स्टीकर भी पुलिस ने हटवा दिए। काफी देर तक चले अभियान की वजह से हड़कम्प भी मचा रहा।