आमरण अनशन पर रिटार्यड शिक्षक, पेंशन बहाली के लिए मांगी 50 हजार रूपए रिश्वत
एक रिटायर्ड शिक्षक पिछले दो सालों से अपनी पेंशन की बहाली के लिए बाबुओं के चक्कर लगा लगाकर थक गया है...

हमीरपुर. उत्तर प्रदेश सरकार के लाख प्रयास के बाद भी प्रदेश से भ्रष्टाचार खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। जिसका जीता जागता मामला सामने आया है। एक रिटायर्ड शिक्षक पिछले दो सालों से अपनी पेंशन की बहाली के लिए बाबुओं के चक्कर लगा लगाकर थक गया है और हारकर कलेक्ट्रेट कम्पाउंड में स्थित गोल चबूतरे पर आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर हो गया। उसका कहना है की जिला बेसिक शिक्षा आधिकारी कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी उसकी पेंशन बहाली के लिए 50 हजार रूपए रिश्वत की मांग कर रहे हैं। जिसे न देने के करण उनकी पेंशन दो साल बीत जाने के बाद भी बहाल नहीं की गई। जिसके चलते उसके परिवार के लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।
2016 में रिटायर हुए थे शिक्षक
मामला हमीरपुर जिला मुख्यालय के सुमेरपुर निवासी सेवानीवर्त्त राम कृपाल का है। वह 31 मार्च 2016 को हमीरपुर जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालय पहाडीवीर विकास क्षेत्र राठ में सेवारत रहते हुए 31 मार्च 2016 को प्रधानाध्यापक पद से रिटायर हुए। इसके बाद से वह लगातार पेंशन एवं पेंशनरी लाभों के भुगतान के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं शासन प्रशासन के सामने प्रार्थना पत्र दे रहे हैं, लेकिन उनको अपना हक नहीं मिल रहा।
मांगी गई 50 हजार की रिश्वत
रिटायर्ड शिक्षक का कहना है कि तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी राठ श्याम प्रकाश यादव और बिल लिपिक उपेन्द्र द्वारा पेंशनरी लाभों के भुगतान के एवज में 50 हजार रुपए की अवैध मांग से परेशान हैं। जिसकी जानकारी जिले के आलाधिकारियों को भी वह समय- समय पर देते रहे। पर उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके कारण आज वह और उसका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। आमरण अनशन पर बैठने के बाद बीएसए ने पीड़ित रिटायर्ड शिक्षक को आश्वासन दिया है कि वह बहुत जल्द उनकी पेंशन बहाल करवा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे ।
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