योगी आदित्यनाथ की विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान कुरारा इंस्पेक्टर एके सिंह और ललपुरा के पूर्व एसओ रहे प्रदीप कुमार यादव के खिलाफ अवैध खनन करने की शिकायत हुई थी। सीएम के सख्त तेवर के बाद एसपी ने बैठक खत्म होते ही दोनों अफसरों को निलंबित कर दिया था। जबकि अवैध खनन को लेकर खनिज अधिकारी साफ बच निकले केवल पुलिस के खिलाफ हुई कार्रवाई से विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है।
हमीरपुर मुख्यालय में लगभग 6 सौ रिक्शों से अवैध खनन की हुई मौरंग की ढुलाई निरन्तर चल रही है। सीएम की कार्रवाई के बाद पुलिस की अब नज़र महीनों से चल रही मौरंग की लूट पर पड़ी है। हाई कोर्ट की रोक के बाद मौरंग का रिक्शों के जरिए अवैध खनन जोरों से शुरू हो गया जिसकी समय-समय पर जिला प्रशासन को भी अख़बार व टीवी के माध्यम से अवगत भी कराया जाता रहा है। मगर इन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई जिसके चलते इनके हौसला दिन प्रति दिन बढ़ता गया। सैकड़ों रिक्शा चालकों ने इसे अपनी रोजी रोटी का जरिया बन लिया जब ये काम पूरी तरह से नम्बर दो अवैध खनन का है। सीएम की कार्रवाई के बाद पुलिस ने अभियान चलाते हुए इन रिक्शा चालकों की धर पकड़ शुरू कर दी।
पुलिस ने मौरंग की बोरियों से भरे पांच रिक्शों को पकड़ने के साथ ही इतने ही लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में मनोज कुमार निवासी जौहरिया का डेरा, रमेश प्रसाद निवासी जौहरिया का डेरा, आशू निषाद, छोटू प्रसाद केसरिया का डेरा, और उदय प्रसाद आनूपुर थाना सजेती है। पुलिस ने दो बाइकें भी सीज की हैं। इन बाइकों के जरिए लात मार कर रिक्शों में धक्का लगाया जाता था।