जिले में रोड नहीं तो वोट नहीं की आवाज़ बुलंद करते यह सभी लोग हमीरपुर के राठ तहसील क्षेत्र में टोला खंगारन गांव के रहने वाले हैं। जो देश की आज़ादी के 70 साल बाद भी मूल-भूत समस्याओं से वंचित हैं, और अब इन लोगों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए वोट का बहिष्कार करने का मन बनाया है। इनका कहना है की तमाम सरकारें आईं और चली गई। इन लोगों ने अपना वोट देकर तमाम सांसद विधायक बनाए गए लेकिन किसी ने इनका ध्यान नहीं दिया और आज भी यह लोग सड़क और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत समस्या से वंचित हैं।
जब भी कोई चुनाव आता है, बुंदेलखंड के नाम पर राजनीति होने लगती है, और सरकार बनाने के बाद बुंदेलखंड के नाम पर बड़े बड़े पॅैकेज भी दिए जाते हैं, लेकिन वोह बड़े बड़े पैकिज कहां जाते हैं। इसका आज तक पता नहीं चल सका, मौजूदा सरकार ने भी बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन किया था, जिस तहत इस इलाके में विकास कार्य होने थे, और वोह विकास कैसे हुआ है उसकी तस्वीरें आपके सामने हैं जहां आज भी यह लोग सड़क और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत समस्या से वंचित हैं।
आदर्श आचार संहिता लागू होते ही जिला निर्वाचन अधिकारी दल बल के साथ लगे हुए हैं की वोह हमीरपुर में ज़्यादा से ज्यादा मतदान करा सकें और चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो जाएं लेकिन जिस तरह से आज वोट बहिष्कार की आवाजें उठी हैं, उसको देख कर यह लगता है, कि जिला निर्वाचन अधिकारी के ज़्यादा से ज्यादा मतदान करा पाना बड़ी चुनौती होती होगी, क्यूं इन लोगों ने तो मूल भूत समस्याओं से निपटने के लिए अपने वोट को ही अपना हथियार बना लिया है।