सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखंड के जिले हमीरपुर में किसान मौजूदा वक्त में अन्ना गायों से बहुत परेशान हैं, लेकिन सरीला नगर पंचायत की चेयरमैन शैफाली कुंवर की पहल के चलते सरीला के किसान अब अपने घरों में रात को चैन की नींद सो रहे हैं। यहां के किसानों को अब अपनी फसल की अन्ना गायों से रखवाली के लिए रात-रात भर खेतों में नहीं जगना पड़ता। ये संभव हो सका है सरीला नगर पंचायत द्वारा अन्ना गायों को नियंत्रित करने से। नगर पंचायत की चेयरमैन शैफाली कुंवर ने बताया कि आस्था की प्रतीक गाय की दुर्दशा और किसानों की समस्या को समझते हुए उन्होंने बहुत थोड़े से बजट से इन गायों के भोजन एवं इन्हें एक जगह रखने के लिए दो गौशालाओं की व्यवस्था की। जहां मौजूदा वक्त में लगभग 1300 अन्ना गाय हैं। वे कहती हैं कि उन्होंने गायों की सेवा एवं उन्हें चराने आदि के लिए सात लोगों को नियुक्त कर रखा है। इसके अलावा भूसा व घास आदि की व्यवस्था भी नगर पंचायत द्वारा की जाती है।
शैफाली कुंवर बताती हैं कि अन्ना गायों के नियंत्रित हो जाने से किसान बेहद खुश हैं। उन्हें अपनी फसल की रखवाली के लिए अब खेतों में नहीं सोना पड़ता। उन्होंने बताया कि बहुत से किसान भी खेतों से निकलने वाला भूसा आदि अन्ना गायों के लिए देते हैं जिसे एक जगह स्टोर किया जा रहा है ताकि ठंड के मौसम में इन अन्ना गायों को भूखा न रहना पड़े।
खुशी से खिले किसानों के चेहरे सरीला के किसान राम खिलावन चेयरमैन की इस पहल से बहुत खुश हैं। वे कहते हैं कि अन्ना गायों के झुंड अपनी भूख शांत करने के लिए जिस किसान के खेत की तरफ रुख कर लेते थे उसे पूरा चट कर जाते थे। जिससे किसान बेहद मायूस थे। किसानों ने अन्ना गायों की समस्या को दूर करने के लिए जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगाई लेकिन हर बार आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला।
गौसेवा के लिए हर हाल में निकालती हूं समय : शैफाली चेयरमैन शैफाली कुंवर बताती हैं कि वे अपनी व्यस्तम दिनचर्या से दस मिनट का टाइम निकालकर इन अन्ना गायों की देखरेख करने गौशाला जरूर जाती हैं। वहां वे गायों को चारा खिलाने के साथ-साथ उनकी देख-रेख की जानकारी लेती हैं। वे बताती हैं कि उनके इस छोटे से प्रयास से किसानों को मिल रही राहत से उनका उत्सावर्धन हुआ है। वे अन्ना गायों को बांधने के लिए और भी गौशाला का निर्माण कराएंगी। वे कहती हैं कि ठंड के मौसम को देखते हुए अन्ना गायों के लिए टीनशेड की व्यवस्था भी कराई रही हैं जिससे इन अन्ना गायों को ठंड से बचाया जा सके।