जिला हॉस्पिटल में ओपीडी में बीमार बच्चों की भीड़ लगी रही। एक मात्र डॉक्टर के कक्ष के बाहर मरीजों की भीड़ लगी रही। भरुआ सुमेरपुर के अंसार खान की पुत्री मुस्कान और पुत्र साहिल मां ज़रीना के साथ हॉस्पिटल पहुंचे थे। बुखार से ग्रस्त दोनों बच्चे वही एक किनारे लेटे रहे। छवि (04) पुत्री रामफल बेतवा घाट, मोतीलाल का पुत्र सन्तोष (04), पुत्री आरती (02), फतेहपुर जनपद के दपसौरा गांव की राधा (07) पुत्री शिवपाल अपनी मां कोमल के साथ हॉस्पिटल में आई थी। सभी बीमार बच्चे अपने नम्बर का इंतज़ार करते रहे और सभी भीषण बुखार से ग्रस्त थे, पर उनका नम्बर नहीं आ सका। घण्टों इंतज़ार के बाद उन्हें प्राइवेट डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ा।
34 पदों के महज 9 डॉक्टर कर रहे इलाज
हमीरपुर के जिला हॉस्पिटल में 34 पदों के सापेक्ष महज 9 डॉक्टरों की तैनाती है। एक के बाद एक यहां से डॉक्टरों के ट्रांसफर होते जा रहे हैं, लेकिन नए डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो रही है। इससे जिला हॉस्पिटल के सहारे रहने वाले हमीरपुर के साथ-साथ आसपास के जनपदों की मरीजों की जान मुश्किल में पड़ी है। प्रशासन के पास इस समस्या का कोई तोड़ नहीं है। हॉस्पिटल का निरीक्षण करने आये संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य बांदा द्वारा बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राधारमण को अपने हठधर्मिता रवैये के चलते सेवा मुक्त कर दिया गया है। इससे यहां की स्थिति और बिगड़ गई है। महिला हॉस्पिटल का हाल भी बेहाल है। इस निरीक्षण के दौरान अपर निदेशक पूरे मंडल में डॉक्टरों की कमी का रोना रोते रहे।
हॉस्पिटल में व्याप्त अव्यवस्था से भाजपाई भी खासे नाराज हैं। एक के बाद एक डॉक्टरों के स्थानांतरण और स्टाफ के उदंड व्यवहार से नाराजगी का पारा बढ़ता जा रहा है। भाजपा के नगर अध्यक्ष लक्ष्मी रतन साहू और महामंत्री चन्द्रप्रकाश गोस्वामी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर जिला हॉस्पिटल में डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है।