अब तक लगता था इतना समय अब तक प्रदेश के नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के चुनाव की प्रक्रिया 43-44 दिनों में पूरी होती रही है। साल 2012 के निकाय चुनाव की पूरी प्रक्रिया 44 दिनों में खत्म हुई थी जबकि साल 2006 में 43 दिन लगे थे। आपको बता दें कि निकाय चुनाव में इतने दिन लगने के दो कारण हैं। चुनाव को चार चरणों में कराना पहला कारण होता था, जबकि कोई त्योहार बीच में पड़ जाने की वदह से भी चुनाव के दिन बढ़ जाते थे।
1 दिसंबर को होगी काउंटिंग निकाय चुनाव की काउंटिंग 1 दिसंबर को कराई जा सकती है। बस देखने वाली बात ये होगी कि 1 दिसंबर को बारावफात न पड़े। क्योंकि बारावफात पड़ने पर 1 दिसंबर को छुट्टी होगी। नामांकन करने के लिए सप्ताहभर मिलेंगे और प्रचार करने के लिए लगभग दो सप्ताह का समय रहेगा। तीन-तीन दिन के अंतराल पर तीन चरण में 20 नवंबर से मतदान होगा।
सीएम योगी चाहते हैं कि जल्द खत्म हों चुनाव गौरतलब है कि जितने दिन चुनाव की प्रक्रिया चलती है उतने दिन आचार संहिता लगने की वजह से सरकार जनहित से जुड़े कोई फैसले नहीं कर सकती है और साथ ही विकास के नए काम भी नहीं शुरू हो सकते है। सरकार के दौरे और समीक्षाओं पर भी आयोग की पैनी नजर रहती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राज्य चुनाव आयोग से उम्मीद है कि वह जल्द से जल्द निकाय चुनाव निपटा लेगा। जानकारी के मुताबिक योगी सरकार के रुख पर आयोग इस तरह से कार्यक्रम को अंतिम रूप दे रहा है, जिससे निकाय चुनाव की प्रक्रिया रिकॉर्ड 36-37 दिनों में ही पूरी हो जाएगी। इसके लिए पहली बार तीन चरणों में चुनाव कराने के लिए आयोग 25 अक्टूबर को अधिसूचना जारी करने वाला था लेकिन 26 अक्टूबर को छठ पर्व होने से अब आयोग चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना 27 अक्टूबर को जारी करेगा।