नाबालिग से दुराचार के दोषी को 10 साल की सजा, पॉक्सो कोर्ट हनुमानगढ़ ने सुनाया फैसला
हनुमानगढ़Published: Jun 13, 2019 05:20:06 pm
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नाबालिग से दुराचार के दोषी को 10 साल की सजा, पॉक्सो कोर्ट हनुमानगढ़ ने सुनाया फैसला
नाबालिग से दुराचार के दोषी को 10 साल की सजा, पॉक्सो कोर्ट हनुमानगढ़ ने सुनाया फैसला
– गोगामेड़ी थाना क्षेत्र के गांव नेठराणा से नाबालिग को भगाकर दुराचार करने का मामला
हनुमानगढ़. विशिष्ट न्यायालय अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 व बालक अधिकार आयोग संरक्षण अधिनियम 2005 (पॉक्सो कोर्ट) ने गुरुवार को नाबालिग से दुराचार के मामले में एक जने को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई। साथ ही उस पर 22000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। राज्य सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक (पोक्सो) मदन पारीक ने पैरवी की।
प्रकरण के अनुसार गोगामेड़ी थाना क्षेत्र के गांव नेठराणा की विवाहिता ने अपनी नाबालिग पुत्री के साथ थाने में हाजिर होकर 24 अगस्त 2014 को दुराचार का मामला दर्ज करवाया था। उसने पुलिस को बताया कि आरोपी दिलीप उर्फ दीपू पुत्र रणजीत सिंह निवासी नेठराणा उसकी नाबालिग पुत्री को शादी का झांसा दे बहला-फुसलाकर भगा ले गया। जिले से बाहर ले जाकर कई जगहों पर उसके साथ दुराचार किया। इसमें संतोष निवासी नेठराणा ने भी आरोपी दिलीप का सहयोग किया। पुलिस ने आरोपों के आधार पर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। दोनों के खिलाफ ही चालान पेश किया। न्यायालय ने आरोपी दिलीप उर्फ दीपू को आईपीसी की धारा 363, 366 तथा 376 व चार पोक्सो अधिनियम में दोषी मानते हुए सजा सुनाई। दिलीप को आईपीसी की धारा 363 में 5 साल, 366 में 7 साल और 376 व चार पोक्सो अधिनियम में 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 22000 रुपए का जुर्माना भी उस पर लगाया गया है। न्यायालय ने पीड़ित नाबालिग के लिए पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत सहायता उपलब्ध करवाने के लिए भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अनुशंसा की है।