script20 years imprisonment to an old man found guilty of raping a 12 year o | 12 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के दोषी बुजुर्ग को 20 साल कारावास | Patrika News

12 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के दोषी बुजुर्ग को 20 साल कारावास

locationहनुमानगढ़Published: Oct 27, 2023 09:14:59 pm

Submitted by:

adrish khan

विशिष्ट न्यायाधीश पोक्सो प्रकरण मदनगोपाल आर्य ने शुक्रवार को 12 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के मामले में 65 वर्षीय बुजुर्ग को दोषी करार दिया। उसको 20 साल के कठोर कारावास एवं एक लाख पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

12 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के दोषी बुजुर्ग को 20 साल कारावास
12 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के दोषी बुजुर्ग को 20 साल कारावास
12 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के दोषी बुजुर्ग को 20 साल कारावास
- अप्रेल 2020 का महिला थाने का प्रकरण
- विशिष्ट न्यायालय पोक्सो प्रकरण ने सुनाया फैसला
हनुमानगढ़. विशिष्ट न्यायाधीश पोक्सो प्रकरण मदनगोपाल आर्य ने शुक्रवार को 12 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के मामले में 65 वर्षीय बुजुर्ग को दोषी करार दिया। उसको 20 साल के कठोर कारावास एवं एक लाख पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। राज्य की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक विनोद डूडी ने पैरवी की।
प्रकरण के अनुसार पीडि़त बालिका की माता ने तीन अप्रेल 2020 को महिला थाने में मामला दर्ज कराया कि उसकी पुत्री घर के आगे खेल रही थी। तभी वहां महेन्द्र सिंह (65) पुत्र श्रवण सिंह निवासी फरीदसर पीएस केसरीसिंहपुर जिला श्रीगंगानगर हाल वार्ड 11 पुरानी खुंजा आया तथा बहला-फुसलाकर पुत्री को अपने साथ घर ले गया। उसके साथ बलात्कार किया। पुत्री ने जब शोर मचाया तो लोग एकत्रित हो गए और उसने आपबीती बताई। पुलिस ने आरोपों के आधार पर पोक्सो एक्ट सहित संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया। जांच कर आरोपी महेन्द्र सिंह के खिलाफ चालान पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने 22 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए तथा 13 गवाह परीक्षित कराए। सुनवाई के बाद न्यायालय ने महेन्द्र सिंह को दोषी करार देकर आईपीसी की धारा 363 में तीन साल, 366 में सात साल एवं 376(3) व 3/4 (2) पोक्सो एक्ट में 20 साल कारावास की सजा सुनाई। कुल एक लाख पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया। सभी सजाएं साथ चलेंगी।
डीएनए मेच व वीडियो
पीडि़त बालिका के कपड़ों से मिले वीर्य से आरोपी का डीएनए मेच हो गया। इसके अलावा घटना के दौरान बालिका ने जब शोर मचाया तो वहां मजदूरी करने आई एक महिला ने दीवार के सुराग से भीतर झांका और फिर वीडियो बना लिया। बाद में वह वीडियो जांच के दौरान पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। यह दोनों ही पुख्ता सुबूत के तौर पर विचारण के दौरान काम आए।
सावचेती व जागरुकता जरूरी
विशिष्ट लोक अभियोजक विनोद कुमार डूडी कहते हैं कि पोक्सो एक्ट के संबंध में पूर्ण जागरुकता लाना अनिवार्य है। इतना कठोर दंड होने के बावजूद भी पोक्सो एक्ट के मामले में दिनोंदिन बढ़ रहे हैं। हनुमानगढ़ में तकरीबन 400 मुकदमे हो गए हैं जिनका ट्रायल चल रहा है। लैंगिक अपराधों से बच्चों को बचाने के लिए कानून की सख्ती के साथ सावचेती व जन जागरुकता भी बहुत जरूरी है। इस तरह के प्रकरण बढऩा चिंतनीय है, इस पर समाज को भी मंथना करना होगा।
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