गंदे पानी को ट्रीट कर खेतों में छोडने से नगर परिषद को आय होगी। इसके अलावा नगर परिषद गंदे पानी को एकत्रित करने के लिए भूमि ठेके पर लेती है। वह भी लेनी पड़ेगी और भविष्य में गंदे पानी को एकत्र करने की कोई समस्या भी नहीं रहेगी।
221 करोड़ की जो डीपीआर तैयार की गई है। इसमें सीवरेज के लिए 2.32 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई। थर्ड पार्टी जांच के बाद इसे 2.22 करोड़ निधार्रित किया गया है। इसके अलावा आरयूआईडीपी के अधूरे पड़े सीवरेज प्रोजेक्ट को भी इसी में शामिल किया गया है। इसके तहत टाउन व जंक्शन में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होगा। वर्तमान में संचालित एसटीपी को अपग्रेड कर गंदे पानी को ट्रीट कर किसानों को दिया जाएगा। चूना फाटक पर पंपिंग स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। रावतसर मार्ग व भद्रकाली मार्ग पर धूल फांक रहे पंपिंग स्टेशन को अपग्रेड किया जाएगा। सीवरेज कनेक्शन के लिए 8 करोड़ की डिमांड की है। जंक्शन में 9.5 एमएलडी का एसटीपी बनाने की योजना तैयार की गई है। टाउन व जंक्शन फेज थर्ड के तहत सीवरेज पाइप लाइनें बिछाने के लिए 150 करोड़ का खाका तैयार किया गया है।
गंदे पानी को ट्रीट कर करेंगे सप्लाई
टाउन व जंक्शन में एक-एक उच्च जलाश्य का निर्माण अमृत योजना टू के तहत करने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। एसटीपी से पानी ट्ीर्ट कर उच्च जलाश्य में भरा जाएगा और इस उच्च जलाश्य से पानी खेत, पार्क, रेलवे स्टेशन पर सप्लाई दी जाएगी। इसके लिए अलग से पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसके अलावा टाउन व जंक्शन में जहां-जहां पानी का जमाव होता है। उस जगह पर एकत्रित पानी को उपयोग में लेने की योजना तैयार की जा रही है।