35 दिन तक किया प्रतिनियुक्ति पर कार्य
नोहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से छह नवंबर 2019 को स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक ने डॉ. संगीता को प्रतिनियुक्ति पर जिला अस्पताल में लगाया था। डॉ. संगीता ने प्रतिनियुक्ति पर करीब 35 दिन तक जिला अस्पताल में कार्य किया। वो भी तब जब उस समय एमसीएच यूनिट में एक ही एमएस गायनी डॉ. सीमा खीचड़ ड्यूटी पर थी। डॉ. संगीता के प्रतिनियुक्ति आदेश से पहले अतिरिक्त कार्यभार होने के कारण निजी अस्पताल से एमएस गायनी को बुलाकर प्रसव करवाए जाते थे। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने एमसीएच यूनिट में अतिरिक्त कार्यभार होने के कारण एक और एमएस गायनी लगाने की बजाए दस फरवरी 2020 को डॉ. संगीता के प्रतिनियुक्ति आदेश निरस्त कर दिए थे। इससे पूर्व चार फरवरी को डॉ. सीमा खीचड़ मातृत्व अवकाश पर चली गई थी। तब से लेकर अब तक अस्पताल में एमएस गायनी नहीं होने से व्यवस्थाएं ठप पड़ी हैं।
जिला अस्पताल में 29 अगस्त 2019 से छह नवंबर 2019 तक संविदा पर कार्यरत डॉ. सीमा खीचड़ ने 68 दिन तक सजेरियन किए। हालांकि इनके अवकाश के दिन अस्पताल प्रबंधन निजी अस्पताल के एमएस गायनी की सेवाएं लेता था। इसकी एवज में तीन हजार रुपए प्रति प्रसव के हिसाब से भुगतान भी किया गया।
जिला अस्पताल की एमसीएच यूनिट में एक माह में 180 गर्भवती की सर्जरी करने का रिकार्ड दर्ज है। लेकिन एमसएस गायनी नहीं होने के कारण गर्भवती की सर्जरी नहीं की जा रही है। ऐसे में गर्भवती को सर्जरी के लिए निजी अस्पताल जाना पड़ रहा है। इस पर हजारों रूपए खर्च हो रहे हैं। जिला अस्पताल के यह हाल उस प्रदेश की सरकार के अधीन हो रहे हैं जो कि जिसने प्रदेश में निशुल्क दवा योजना व जांच योजना लाकर देश में वाहवाही बटौरी थी।