क्वालिटी कंट्रोल हनुमानगढ़ सर्किल का कार्य क्षेत्र काफी लंबे-चौड़े में फैला हुआ है। नोहर-भादरा, रावतसर, पीलीबंगा, संगरिया, हनुमानगढ़, टिब्बी, सादलुशहर, सूरतगढ़, श्रीगंगानगर, अनूपगढ़ के साथ ही श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ का पूरा क्षेत्र व बीकानेर जिले का कुछ क्षेत्र इस सर्किल के अधीन आता है। इंदिरागांधी नहर से प्रदेश की लाखों हेक्टेयर भूमि सिंचित हो रही है। जबकि दस जिलों के करोड़ों लोगों की प्यास बुझ रही है।
जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़ में क्वालिटी कंट्रोल सर्किल में एक्सईएन का एक, एईएन के चार, जेईएन के पांच व कर्मचारियों के छह पद रिक्त हैं। इसी तरह जल संसाधन विभाग कार्यालय उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के पूरे क्षेत्र की बात करें तो जेईएन के ६५, अधीक्षण अभियंता के चार, सहायक अभियंता के २६ व कनिष्ठ सहायक के १२० पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर सरकार दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।
-इंदिरागांधी नहर पंजाब और राजस्थान भाग में मरम्मत को लेकर ३२९१ करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत।
-उत्तर संभाग हनुमानगढ़ कार्यालय की बात करें तो कुल १६१३ पदों में ८४४ अभियंताओं और कर्मचारियों के पद खाली पड़े हैं।
-नहरी क्षेत्रों से राज्य में ४००० करोड़ का उत्पादन हो रहा है।
-मरम्मत को लेकर नहरों पर ०४ वर्ष तक चलेगा कार्य।
वस्तुस्थिति से करवाया अवगत
विभाग में रिक्त पदों की संख्या काफी हो गई है। इससे मुख्यालय को अवगत करवा दिया है। एनडीबी के वित्तीय सहयोग से मार्च-अप्रैल में प्रस्तावित इंदिरागांधी नहर के मरम्मत प्रोजेक्ट को देखते हुए कन्सलटेंसी एजेंसी से अनुबंध किया है। मरम्मत प्रोजेक्ट के दौरान थर्ड पार्टी के तौर पर यह काम करेगी। इंदिरागंाधी नहर के मरम्मत का यह प्रोजेक्ट चार वर्ष में पूर्ण होगा।
विनोद कुमार मित्तल, मुख्य अभियंता, जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़
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