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आबकारी थाना प्रभारी व कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज , भादरा के एक ठेकेदार ने 5 लाख 74 हजार की ठगी करने का लगाया आरोप –

locationहनुमानगढ़Published: Oct 12, 2019 11:42:57 am

Submitted by:

Anurag thareja

आबकारी थाना प्रभारी व कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज- भादरा के एक ठेकेदार ने 5 लाख 74 हजार की ठगी करने का लगाया आरोप – आबकारी विभाग में एक करोड़ के गबन के मामले में नया मोड

file photo

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आबकारी थाना प्रभारी व कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज
– भादरा के एक ठेकेदार ने 5 लाख 74 हजार की ठगी करने का लगाया आरोप
– आबकारी विभाग में एक करोड़ के गबन के मामले में नया मोड

हनुमानगढ़/भादरा. आबकारी विभाग में एक करोड़ के गबन के मामले में नया मोड सामने आ गया है। इस संबंध में भादरा में एक ठेकेदार ने 5 लाख 74 हजार की ठगी का आरोप लगाते हुए आबकारी थाना प्रभारी व कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। इसमें उम्मेद सिंह पुत्र सूरजभान जाति यादव निवासी जाटान तहसील भादरा ने यह मामला इस्तगासे के जरिए दर्ज करवाया है। इसमें आबकारी थाना प्रभारी भादरा कमलसिंह व आबकारी भादरा के क्लर्क इंद्रजीत सिंह पर धोखाधड़ी कर आबकारी शराब नगद जमा करवाकर राजस्व आबकारी में न जमा करवाकर निजी खाते में जमा करवाकर परिवादी से दोबारा बकाया निकालकर राशि की मांग करने का आरोप लगाया है। भादरा थाने में दर्ज हुई एफआईआर के अनुसार नगरपालिका क्षेत्र में स्वीकृत शराब दुकान संख्या 53 कपिल यादव पुत्र वेदप्रकाश यादव निवासी जाटान के नाम से है। इस दुकान में नौकरी करने वाले उम्मेदसिंह यादव ने आरोप लगाया है कि दुकान के लिए आबकारी विभाग शराब उठाने के लिए शराब की राशि जरिए चालान भरवाता था लेकिन कई बार नेटवर्क कमजोर होने के चलते व साइट नहीं चलने पर नगद राशि आबकारी विभाग के क्लर्क इन्द्रजीत सिंह को दे देता था व इन्द्रजीत उक्त राशि जमा कर आबकारी विभाग से शराब परिवहन करने के पारपत्र पर हस्ताक्षर कर परिवादी को देता था जिसके आधार पर गोदाम से शराब उठाता था। लाइसेंसधारी के नौकर ने 8 अप्रेल को 1 लाख 332 रूपए जमा में से 53 हजार 224 रूपये का, 30 अप्रैल को 1 लाख 50 हजार 497 रूपये जमा में से 1 लाख 50 हजार 490 रूपये का, 17 मई को 75 हजार 153 रूपये जमा में से 70 हजार 505 रूपये का, 31 जुलाई को 2 लाख 42 हजार 674 रूपये जमा में से 69 हजार 120 रूपये व 1 लाख 73 हजार 544 रूपये का माल उठाया था। 15 दिन पूर्व तत्कालीन आबकारी सीआई कमलसिंह का फोन आया कि 8 व 30 अप्रैल, 17 मई, 31 जुलाई को शराब उठाने के एवज में 5 लाख 74 हजार रूपए की आपकी रिकवरी निकाली गई है। बकाया राशि आबकारी विभाग में जमा करवा दें अन्यथा आपका लाईसेंस रद्द कर दिया जाएगा। मुकदमे में बताया कि राशि जमा होने के बाद ही शराब उठाने दी जाती है। जबकि भादरा आबकारी थाना प्रभारी कमलसिंह ने कहा कि आपके साथ क्लर्क ने ठगी की है व फर्जी चालान बनाकर शराब उठवा दी है। उक्त राशि आपसे वसूली जाएगी। प्राथमिकी में पीडि़त ने आरोप लगाया है कि आबकारी सीआई से मिलकर क्लर्क इन्द्रजीत सिंह ने ठगी कर राशि को फर्जी चालान लगाकर हड़प लिया है व दबाव बनाकर पुन: राशि वसूलना चाहते हंै। भादरा पुलिस ने जरिये इस्तगासा के भादसं 420, 467, 468, 471, 120बी, 167 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
उदयपुर की टीम गई, बीकानेर टीम जांच रही दस्तावेज
बैंक की फर्जी मुहर लगाकर जाली चालान के आधार पर एक करोड़ रुपए के गबन के मामले की जांच के बाद उदयपुर टीम दस्तावेजों के साथ हनुमानगढ़ आबकारी कार्यालय से उदयपुर के लिए गुरुवार को रवाना हुई। हालांकि इस टीम में शामिल बीकानेर आबकारी विभाग के लेखाधिकारी अभी भी जांच में जुटे हुए हैं। बीकानेर आबकारी विभाग के लेखाधिकारी व कर्मचारी वित्तीय वर्ष 2018-19 में जारी किए गए कुल परमिट व जमा हुए चालान की जांच करने में लगे हैं। इसमें गड़बड़ी पाए जाने पर उदयपुर मुख्यालय के आईटी एक्सपटर्स की मदद ली जा सकती है। जानकारी के अनुसार एक अप्रेल 2019 से तीस अप्रेल 2019 तक हुई जांच में करीब 96 लाख रुपए के गबन होने की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि आबकारी विभाग इसमें से करीब 6 लाख 320 रुपए छोड़कर शेष राशि की रिकवरी भी कर चुका है। इस गबन के मामले को लेकर विभाग कर्मचारी इंद्रजीत सिंह को निलंबित भी कर चुका है। उदयपुर की टीम के सदस्यों ने प्रथमदृष्टया बैंक की फर्जी मुहर लगाकर जमा किए गए चालान और इसी के आधार पर जारी किए परमिट आदि की जो रिपोर्ट तैयार की है। उसे उदयपुर मुख्यालय में उच्चाधिकारियों के समक्ष रखेंगे। गौरतलब है कि इस मामले को लेकर जिला आबकारी कार्यालय में शनिवार को बीकानेर के अतिरिक्त आयुक्त ओपी पंवार के नेतृत्व में दस्तावेज खंगाले गए थे। इसके बाद रविवार से उदयपुर की टीम इन दस्तावेजों की जांच करने में जुटी थी।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार भादरा क्षेत्र की तीन दुकानों की मदिरा की 20 लाख 36 हजार दो सौ रुपए की राशि का चालान तो आबकारी कार्यालय में जमा है लेकिन राशि खाते में जमा नहीं थी। इसी तरह रावतसर क्षेत्र की सात मदिरा दुकानों के माल की राशि 45 लाख 92 हजार 150 रुपए की राशि भी विभाग के खाते में जमा नहीं होना पाया जा चुका है। जबकि इसका चालान भी विभाग की फाइलों में जमा है। इसके अलावा नोहर की 12 मदिरा की दुकानों की ओर से उठाई गई शराब की राशि में से 33 लाख 30 हजार 400 रुपए की राशि विभाग के बैंक अकाउंट में जमा नहीं हुई, लेकिन विभाग के फाइलों में जमा बोल रही है। इस मामले में करीब 22 दुकानों की ओर से जमा करवाए गए 96 लाख रुपए के करीब 60 बैंक चालान को फर्जी पाया गया था। तत्कालीन जिला आबकारी सहदेव रत्नू ने प्रथम स्तर पर आंतरिक जांच कर उच्चाधिकारियों के इस मामले में बारे में अवगत कराया था।
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