हनुमानगढ़

बिना रिकॉर्ड आबयाना वसूली का फरमान जारी करने पर बिफरे किसान

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हनुमानगढ़Feb 19, 2019 / 06:39 pm

Purushottam Jha

बिना रिकॉर्ड आबयाना वसूली का फरमान जारी करने पर बिफरे किसान


-आक्रोशित किसानों ने जल संसाधन विभाग के एसई को घेरा
-एसई मेहरड़ा ने कहा, हल्ला से किसानों को डरने की जरूरत नहीं
हनुमानगढ़. जल संसाधन विभाग की ओर से बिना किसी रिकॉर्ड के बकाया आबयाना वसूली का फरमान जारी करने से किसानों में रोष है। वसूली आदेश के विरोध में संगरिया क्षेत्र के कई किसान मंगलवार को जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंंचे। आक्रोशित किसान कई देर तक नारेबाजी करते रहे। मुख्य अभियंता के कार्यालय में नहीं होने पर किसानों ने भाखड़ा रेग्यूलेशन खंड के एसई लखपतराय मेहरड़ा से मिलकर बकाया आबयाना को समाप्त करने की मांग की। किसानों और अधिकारियों की हुई वार्ता में सात दिन के भीतर मांगों पर सकारात्मक आश्वासन मिलने पर सभी माने।
किसान नेता ओम जांगू ने बताया कि भाखड़ा सिंचाई प्रणाली की साबुआना,खारा,एफटीपी, एमकेएस, सीडीआर नहरों पर किसानों की तरफ हजारों रुपए का आबयाना वर्ष 1998 से बकाया चल रहा है। इस माह सिंचाई कर वसूली को लेकर जल संसाधन विभाग गांवों में मुनादी करवा रहा है। लेकिन किसान इसका विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि 1998 से 2014 तक इस क्षेत्र में नियुक्त पटवारी नशेड़ी था। आरोप है कि उसने समय-समय पर किसानों से आबियाना वसूली की। इस दौरान वह हाथ से लिखकर ही कागज भी किसानों को देता था। परंतु उसकी मृत्यु के बाद वर्ष 2016 में किसानों की तरफ सिंचाई विभाग ने फिर से बकाया किसानों के नाम पर आबियाना भरने का आदेश जारी कर दिया। इस पर किसान मुख्य अभियंता से भी मिले। सूचना का अधिकार अधिनियम में सूचना मांगने पर सिंचाई विभाग ने लिखित में दिया कि विभाग के पास बकाया आबियाना का कोई रिकार्ड नहीं है।
अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि राज्य सरकार को आबियाना समाप्त करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजेंगे तथा किसी भी किसान की बारी नहीं काटी जाएगी। परंतु अब अधिकारी आबयाना जमा करवाने का दबाव बना रहे हैं। वार्ता के दौरान मंगलवार को अधीक्षण अभियंता लखपतराय मेहरड़ा ने अधिशाषी अभियंता खंड द्वितीय सुरेश सुथार को कार्यालय में बुलाकर सात दिन में प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजने एवं आबियाना के लिए बारी नहीं काटने का निर्देश दिया। किसानों ने जब अधीक्षण अभियंता से यह सवाल किया कि जब आबयाना समाप्त करने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है, फिर गांवों में अबायाना जमा करवाने को लेकर मुनादी क्यों करवा रहा है, यह समझ से परे है। जवाब में अधीक्षण अभियंता मेहरड़ा ने कहा कि लाउडस्पीकर के हल्ले से किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। जहां तक संभव होगा, किसानों को राहत दिलाने का प्रयास है।
किसानों ने अधिकारियों को चेताया कि वह आबियाना नहीं भरेंगे तथा सिंचाई विभाग द्वारा आबियाना समाप्त नहीं करने की स्थिति में आंदोलन तेज करेंगे। सिंचाई विभाग के बाद किसान जिला कलक्ट्रेट पहुंचे तथा कलक्टर को दो अलग-अलग ज्ञापन देकर मांागों से अवगत करवाया। इसमें आबियाना समाप्त करवाने की मांग रखी गई। इसी तरह समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीद में रजिस्ट्रेशन बंद करने,चना व सरसों का दाना-दाना समर्थन मूल्य पर खरीदने, खरीद पूर्व भंडारण की समुचित व्यवस्था करने,समर्थन मूल्य पर की गई खरीद का किसान को 7 दिन में भुगतान करने एवं फसल बीमा लूट बंद करने की मांग रखी। मांगों पर गौर नहीं होने की स्थिति में किसानों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। अरविंद सिहाग,गुरबचन साबुआना, रमेश भादू,प्रकाश, रामलाल, लक्षीराम भोबिया, सोनू आदि किसान मौजूद रहे।
खुद का कर रहे बचाव
किसान नेताओं का आरोप है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी पहले पटवारी की कमी पर पर्दा डालते रहे। लेकिन मामला उजागर होने पर अब पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाकर विभागीय अधिकारी अपना बचाव कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि विभागीय अधिकारी आबयाना और फसल का रिकॉर्ड एक साथ पेश कर देंगे तो आबयाना भरने में दिक्कत नहीं। लेकिन बिना किसी रिकॉर्ड के किसान कैसे आबयाना भर दे।

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