सूचना पर एएसआई ओमप्रकाश मीणा ने जाब्ते के साथ साहवा बाईपास पहुंच कर ट्रक को अपने कब्जे में ले लिया और आरोपी ट्रक चालक इरशाद पुत्र इशाक मेव व परिचालक शाद पुत्र अलनी खां निवासी नूंह जिला मेवात हरियाणा को हिरासत में ले लिया । ट्रक चालक के पास ऊंट परिवहन का कोई दस्तावेज भी नहीं मिला। प्रारम्भिक पूछताछ में सामने आया है कि ऊंट नोहर भादरा मार्ग स्थित किसी स्थान से ट्रक में लोड करवाए गए हैं और उन्हें नागौर जिले में किसी व्यापारी के यहां लेकर जा रहे थे।
ट्रक चालक ने बताया कि बागपत जिले के निवासी बिल्लू व नोहर निवासी यूनस ने ऊंटों को ट्रक में लोड़ करवाया था, वो तो केवल भाड़े के लालच में ही ऊंटों को नागौर ले जा रहे था। इसके अलावा स्थानीय ऊंट तस्कर ट्रक के आगे अपने साधन चला कर सुरक्षित रास्ता उपलब्ध करवाते हैं। पुलिस ने सत्यवीर सहारण की सूचना पर पशु कु्ररता एवं राजस्थान ऊंट वध प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ऊंट तस्करी का काला सच
क्षेत्र में ऊंट तस्करी का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी ऊंट तस्करी की घटनाओं में क्षेत्र के पशु तस्करों का नाम जुड़ता रहा है। पुलिस की पकड़ से दूर पशु तस्कर निरंतर अपनी काली करतूतों को अंजाम देते रहे हैं हांलाकि कभी कभार इनके विरुद्ध कार्रवाई कर पुलिस अपने आंकड़ों को दुरुस्त भी करती रहती है।
सूत्रों की मानें तो स्थानीय पशु व्यापारी भी इस काले कारनामें के सरगना बन रहे हैं। पिछले कुछ वर्षो से ऊंटों की तस्करी पर कड़े नियमों व प्रतिबंधों के चलते तस्करों ने नए रास्ते ईजाद कर लिए हैं। पुलिस व पशु पालन विभाग की नजरों से बचने के लिए तस्कर इन पशुओं को पैदल ही दिहाड़ी मजदूरों के हवाले कर राज्य की सीमा पार करवा कर हरियाणा व उत्तरप्रदेश के रास्ते बूचडख़ानों तक पहुंचा रहे हैं। (पसं)