2020 में स्वास्थ्य विभाग ने रेडियोलोजिस्ट डॉ. विवेक को जिला अस्पताल लगाया था। इसके चलते अस्पताल प्रशासन ने सभी तरह के रोगियों की सोनोग्राफी जांच की सुविधा शुरू कराने का निर्णय लेते हुए डीएमएफटी फंड से सोनोग्राफी मशीन खरीदने की कार्यवाही की थी। आनन-फानन में सोनोग्राफी मशीन की संचालन की कार्यवाही पूरी करने से पहले उद्घाटन तक करवा दिया था। इसके बाद मशीन की संचालन की प्रक्रिया जैसे ही पूरी हुई तो स्वास्थ्य विभाग ने रेडियोलोजिस्ट डॉ. विवेक का तबादला चूरू कर दिया था। इसकी वजह से सभी रोगियों की सोनोग्राफी जांच की सुविधा शुरू होने से पहले ही ठप हो गई थी। अब जाकर स्वास्थ्य विभाग ने रेडियोलोजिस्ट निर्मला रोयल को लगाया है।
मशीन की कागजी प्रक्रिया के बाद जिला अस्पताल प्रशासन नई सोनोग्राफी मशीन से जांच कराने के लिए दरें भी तय की। गर्दन, थायराइयड, ब्रेस्ट, एग्जीला, स्क्रोटम आदि की जांच के लिए 150 रुपए निर्धारित हैं।
यूएसजी कलर डोपलर के लिए 600 रुपए व ईकोकार्डियोग्राफी के लिए 550 रुपए हैं। जबकि रोगी के पेट की सामान्य सोनोग्राफी निशुल्क तय किया था।
बताया जा रहा है कि रेडियोलोजिस्ट की परीक्षा एक माह के भीतर परिणाम आने की संभावना है। इसके बाद आरएमसी रजिस्ट्रशन व मशीन संचालन की कार्यवाही जिला अस्पताल को करनी होगी। इस प्रक्रिया में एक माह लगने की संभावना है। वर्तमान में एमसीएच यूनिट में एक ही सोनोग्राफी मशीन का संचालन किया जा रहा है। इस मशीन से केवल जेएसएसवाई योजना के तहत गर्भवती की ही जांच की सुविधा है। ओपीडी समय में प्रतिदिन 25 से 30 जनों की ही जांच हो पाती है।
लगेगा एक माह
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में एक रेडियोलोजिस्ट को लगाया है। रेडियोलोजिस्ट डॉ. निर्मला रोयल ने पदभार ग्रहण कर लिया है। परीक्षा का परिणाम आने के बाद रजिस्ट्रशन की कार्यवाही की जाएगी। इसमें करीब एक माह लगेगा।
डॉ. मुकेश कुमार पोटलिया, पीएमओ, जिला अस्पताल