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डेढ़ साल बाद जिला अस्पताल को मिला एक रोडियोलोजिस्ट, जांच सुविधा शुरू होने की उम्मीद

locationहनुमानगढ़Published: Jun 29, 2022 12:34:26 pm

Submitted by:

adrish khan

डेढ़ साल बाद जिला अस्पताल को मिला एक रोडियोलोजिस्ट, जांच सुविधा शुरू होने की उम्मीद- रजिस्ट्रशन व कागजी कार्यवाही में लगेगा एक माह- 28 लाख धूल फांक रही मशीन का हो सकता है संचालनहनुमानगढ़. जिला अस्पताल को डेढ़ साल के बाद एक रेडियोलोजिस्ट मिला है। हालांकि रेडियोलोजिस्ट की परीक्षा का परिणाम आने के बाद आरएमसी में रजिस्ट्रशन की कार्यवाही की जाएगी।

डेढ़ साल बाद जिला अस्पताल को मिला एक रोडियोलोजिस्ट, जांच सुविधा शुरू होने की उम्मीद

डेढ़ साल बाद जिला अस्पताल को मिला एक रोडियोलोजिस्ट, जांच सुविधा शुरू होने की उम्मीद

डेढ़ साल बाद जिला अस्पताल को मिला एक रोडियोलोजिस्ट, जांच सुविधा शुरू होने की उम्मीद
– रजिस्ट्रशन व कागजी कार्यवाही में लगेगा एक माह
– 28 लाख धूल फांक रही मशीन का हो सकता है संचालन
हनुमानगढ़. जिला अस्पताल को डेढ़ साल के बाद एक रेडियोलोजिस्ट मिला है। हालांकि रेडियोलोजिस्ट की परीक्षा का परिणाम आने के बाद आरएमसी में रजिस्ट्रशन की कार्यवाही की जाएगी। इस प्रक्रिया में एक माह लगने की संभावना है। दरअसल डेढ वर्ष पूर्व जिला अस्पताल प्रशासन ने डीएमएफटी फंड से 28 लाख रुपए की लागत से सोनोग्राफी मशीन खरीदी थी। इसका विधिवत उद्घाटन भी करवाया गया था।लेकिन रेडियोलोजिस्ट नहीं होने के कारण मशीन धूल फांक रही है। इसकी वजह से आमजन को सोनोग्राफी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा। गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में सोनोग्राफी मशीन का उद्घाटन हुआ था। इसके बाद मशीन के रजिस्ट्रशन के करवाई हुई। इस बीच चिकित्सा विभाग ने रेडियोलोजिस्ट का तबादला कर दिया। तब से लेकर अब तक जिला अस्पताल में एक ही रेडियोलोजिस्ट होने के कारण केवल गर्भवती की ही जांच की सुविधा थी। वहीं प्रत्येक माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सभी महिलाओं की सोनोग्राफी जांच नहीं हो पाती।
28 लाख रुपए की खरीदी थी मशीन
2020 में स्वास्थ्य विभाग ने रेडियोलोजिस्ट डॉ. विवेक को जिला अस्पताल लगाया था। इसके चलते अस्पताल प्रशासन ने सभी तरह के रोगियों की सोनोग्राफी जांच की सुविधा शुरू कराने का निर्णय लेते हुए डीएमएफटी फंड से सोनोग्राफी मशीन खरीदने की कार्यवाही की थी। आनन-फानन में सोनोग्राफी मशीन की संचालन की कार्यवाही पूरी करने से पहले उद्घाटन तक करवा दिया था। इसके बाद मशीन की संचालन की प्रक्रिया जैसे ही पूरी हुई तो स्वास्थ्य विभाग ने रेडियोलोजिस्ट डॉ. विवेक का तबादला चूरू कर दिया था। इसकी वजह से सभी रोगियों की सोनोग्राफी जांच की सुविधा शुरू होने से पहले ही ठप हो गई थी। अब जाकर स्वास्थ्य विभाग ने रेडियोलोजिस्ट निर्मला रोयल को लगाया है।
दरें भी तय हो चुकी थी
मशीन की कागजी प्रक्रिया के बाद जिला अस्पताल प्रशासन नई सोनोग्राफी मशीन से जांच कराने के लिए दरें भी तय की। गर्दन, थायराइयड, ब्रेस्ट, एग्जीला, स्क्रोटम आदि की जांच के लिए 150 रुपए निर्धारित हैं।
यूएसजी कलर डोपलर के लिए 600 रुपए व ईकोकार्डियोग्राफी के लिए 550 रुपए हैं। जबकि रोगी के पेट की सामान्य सोनोग्राफी निशुल्क तय किया था।
लगेगा एक माह
बताया जा रहा है कि रेडियोलोजिस्ट की परीक्षा एक माह के भीतर परिणाम आने की संभावना है। इसके बाद आरएमसी रजिस्ट्रशन व मशीन संचालन की कार्यवाही जिला अस्पताल को करनी होगी। इस प्रक्रिया में एक माह लगने की संभावना है। वर्तमान में एमसीएच यूनिट में एक ही सोनोग्राफी मशीन का संचालन किया जा रहा है। इस मशीन से केवल जेएसएसवाई योजना के तहत गर्भवती की ही जांच की सुविधा है। ओपीडी समय में प्रतिदिन 25 से 30 जनों की ही जांच हो पाती है।

लगेगा एक माह
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में एक रेडियोलोजिस्ट को लगाया है। रेडियोलोजिस्ट डॉ. निर्मला रोयल ने पदभार ग्रहण कर लिया है। परीक्षा का परिणाम आने के बाद रजिस्ट्रशन की कार्यवाही की जाएगी। इसमें करीब एक माह लगेगा।
डॉ. मुकेश कुमार पोटलिया, पीएमओ, जिला अस्पताल
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