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चेन स्नैचर्स के बाद मोबाइल झपट्टुओं ने छीना चैन

locationहनुमानगढ़Published: Nov 26, 2018 12:15:10 pm

Submitted by:

adrish khan

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mobile loot ki badh rahi ghatnaye

चेन स्नैचर्स के बाद मोबाइल झपट्टुओं ने छीना चैन

चेन स्नैचर्स के बाद मोबाइल झपट्टुओं ने छीना चैन
– शहर में निरंतर हो रही मोबाइल फोन छीनने की घटनाएं
– मोबाइल फोन के दुरुपयोग की आशंका से चिंता में रहते हैं पीडि़त
हनुमानगढ़. चेन स्नेचर्स के बाद अपराध का नया संस्करण ‘मोबाइल झपट्टू’ आ गया है। इसने शहरवासियों का चैन लूट रखा है। फर्क इतना है कि चेन स्नेचर्स जहां महिलाओं से छीना-झपटी करते हैं, वहीं मोबाइल झपट्टू पुरुषों को निशाना बना रहे हैं। क्योंकि सडक़ व गली में टहलते हुए मोबाइल फोन पर बातें करने वाले इनके लिए आसान शिकार होते हैं। चलती बाइक व कार के जरिए लोगों के मोबाइल फोन झपटने की वारदातें रह रहकर सामने आ रही हैं। कोई ठोस कार्रवाई इस तरह के गैंग के खिलाफ अभी होती दिखी नहीं है।
बड़ी बात यह है कि मोबाइल फोन छिन जाना पीडि़त के लिए दोहरी समस्या लेकर आता है। एक तो उसे आर्थिक नुकसान होता है। दूसरा यह कि मोबाइल फोन लूट की वारदात के संबंध में मामला दर्ज कराना जरूरी हो जाता है। क्योंकि पीडि़त को यह आशंका सताती रहती है कि अज्ञात आरोपित कहीं उसके फोन का दुरुपयोग ना कर ले। ऐसे में वह कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंस सकता है। लेकिन मोबाइल फोन चोरी या छीनकर ले जाने के मामले को पुलिस कोई ज्यादा तवज्जो नहीं देती। ऐसे में अज्ञात आरोपित सलाखों के पीछे नहीं पहुंच पाते।
मोबाइल के लिए घसीटा
पिछले माह जंक्शन में कर भवन रोड पर पैदल जा रहे युवक का मोबाइल फोन कार में सवार युवक झपट कर भाग गए। जब अज्ञात आरोपितों ने युवक का मोबाइल फोन झपटा तो उसने फोन को छोड़ा नहीं। ऐसे में अज्ञात आरोपित युवक को कार के साथ काफी दूर तक घसीट कर ले गए। आखिरकार लहूलुहान हुए युवक ने मोबाइल फोन छोडकऱ पीछा छुड़ाया।
बाइक सवारों ने छीना
जंक्शन की ड्रीमलैंड कॉलोनी के बाहर सडक़ पर टहल रहे कुणाल बहल का मोबाइल फोन 20 नवम्बर की रात अज्ञात बाइक सवार छीनकर भाग गए थे। वारदात के समय पीडि़त युवक मोबाइल फोन पर बात कर रहा था। इसी तरह हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी में जिला कारागृह के पीछे शिक्षक मस्तान सिंह का मोबाइल फोन छीनने का प्रयास किया गया। अज्ञात बाइक सवार ने एक हाथ से बाइक चलाते हुए फोन झपटने का प्रयास किया। शिक्षक ने मोबाइल फोन नहीं छोड़ा तो कुछ दूर चलने के बाद उसे छोड़ बाइक सवार फरार हो गया।
चोरी नहीं गुमशुदगी
जानकारों के अनुसार मोबाइल फोन चोरी व लूट के मामलों में पीडि़त को बरामदगी तो दूर मामला दर्ज कराने में पसीना आ जाता है। कई दफा तो चोरी व लूट की बजाय गुमशुदगी दर्ज कराने की नसीहत पीडि़त को दे दी जाती है। क्योंकि इससे पुलिस रिकॉर्ड में अपराध नियंत्रण की स्थिति रहती है।
चोरी संज्ञेय अपराध
चोरी व लूट संज्ञेय अपराध की श्रेणी में है। इसलिए पुलिस को शीघ्रता से एफआईआर दर्ज करनी होती है। मगर जानकारी के अभाव में लोग पुलिस पर दबाव नहीं बना पाते। मोबाइल फोन खरीदते समय ईएमआई नम्बर क्रेता के नाम होता है। ऐसे में चोरी के बाद अगर कोई दूसरी सिम डालकर भी किसी को धमकी दे, अश्लील फिल्म भेज दे या आतंकी घटना में इस्तेमाल कर ले तो मोबाइल फोन का मालिक फंस सकता है। इसलिए साइबर क्राइम के दृष्टिकोण से मोबाइल फोन चोरी की एफआईआर दर्ज करवाना बहुत जरूरी है। – हनीश ग्रोवर, अधिवक्ता।
दुरुपयोग का डर
वारदात के बाद यह डर सताता है कि कहीं मोबाइल फोन का कोई गलत इस्तेमाल नहीं कर ले। मोबाइल फोन झपटने की घटनाएं गंभीर मामले हैं। इस पर पुलिस गंभीरता से कार्यवाही कर अंकुश लगाए। – कुणाल बहल, पीडि़त।

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