एनएचएम की पीआईपी में भी शामिल कर निर्माण प्रस्तावित किया जा चुका है। लेकिन स्वीकृति के 14 वर्ष उपरान्त भी इस चिकित्सालय के भवन निर्माण की स्वीकृति अभी तक जारी नहीं हो पाई है। दरअसल नाबार्ड की ओर से राजकीय अस्पताल, कैनाल कॉलोनी के भवन निर्माण पर सैद्धांतिक सहमति दी जा चुकी है। अस्पताल का नया भवन दूरदर्शन रिले केन्द्र के पास आवंटित भूमि पर बनाया जाना है। यहां जंक्शन के तीस बेड राजकीय चिकित्सालय के नाम से भूमि आवंटित है। अस्पताल भवन निर्माण के लिए जो जमीन आवंटित है, उस पर करीब दो साल पहले चिकित्सा निदेशालय ने आपत्ति लगा दी थी। नगर परिषद की ओर से भूमि आवंटन के करीब चार साल बाद चिकित्सा निदेशालय ने ऐसा किया था। लेकिन अब यह मसला हल हो चुका है। मापदंडों के अनुरूप भूमि होने की सूचना चिकित्सा अधिकारी मुख्यालय को भिजवा चुके हैं।
पहले भूमि को बताया था कम
चिकित्सा विभाग ने वार्षिक बजट कार्ययोजना प्रोजेक्ट इंपलीमेंटेशन प्रोग्राम (पीआईपी) में शामिल कराने के लिए अस्पताल भवन निर्माण संबंधी प्रस्ताव मुख्यालय को भिजवाया था। मुख्यालय के अफसरों ने आवंटित जमीन को नाकाफी बताते हुए बजट जारी करने से इनकार कर दिया था। बाद में अस्पताल भवन के लिए पर्याप्त जमीन नगर परिषद से आवंटित कराई गई। हालांकि कई बार प्रस्ताव भिजवाने के बावजूद उसे पीआईपी में शामिल नहीं किया गया था। मगर अंतिम बार जो प्रस्ताव भिजवाया था, उसे सप्लीमेंट्री पीआईपी में शामिल किया जा चुका है। ऐसे में अभी तक बजट नहीं मिला है।
नगर परिषद ने वर्ष 2014 में जंक्शन तीस बेड अस्पताल के लिए दूरदर्शन रिले केन्द्र के पास करीब तीन हजार वर्ग मीटर भूमि आवंटित की थी। इसके चार साल बाद चिकित्सा निदेशालय ने आवंटित भूमि को कम बताया था। इसके बाद नगर परिषद ने १५०० वर्ग मीटर अतिरिक्त भूमि का आवंटन किया।
फैल हो चुके प्रयास
एनएचएम ने अस्पताल भवन निर्माण के लिए बजट देने से मना कर दिया था। फिर वर्ष 2016 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने एमएसडीपी के तहत प्रक्रिया शुरू की। वर्ष 2017 में यह प्रस्ताव भी फेल हो गया। पुन: चिकित्सा निदेशालय से बजट हासिल करने का प्रयास शुरू किया।
्रभवन बनने के बाद ही इस जगह पर तीस बेड का अस्पताल का संचालन किया जाएगा। कैनाल कॉलोनी स्थित सीएचसी को बंद कर दिया जाएगा। यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, लैब तकनीशियन आदि कार्यरत हैं। लेकिन भवन जर्जर होने के कारण रोगियों को इनडोर सहित कई लाभ नहीं मिल पा रहे। गौरतलब है कि चिकित्सा विभाग को अस्पताल भवन निर्माण के लिए करीब पांच करोड़ रुपए का बजट मिलने की उम्मीद है।
बजट मिलने की उम्मीद है
प्रोजेक्ट पीआईपी में शामिल हो चुका है। इस वर्ष में बजट मिलने की उम्मीद है। करीब पांच करोड़ का बजट मिल सकता है।
डॉ. नवनीत शर्मा, सीएमएचओ, हनुमानगढ़।