हनुमानगढ़

बाजार से आधे रेट में मिलेगा पशु आहार, डेयरी प्लांट का ट्रायल सफल

-सवा सात करोड़ की लागत से स्ट्रा डेंसिफिकेशन प्लांट में उत्पादन ट्रायल रहा सफल
 

हनुमानगढ़Mar 05, 2018 / 10:58 am

pawan uppal

माह के आखिरी तक प्लांट का औपचारिक शुभारंभ करने की तैयारी में डेयरी अधिकारी जुटे हुए हैं।

हनुमानगढ़.
प्रदेश की दूध डेयरियों की आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने को लेकर सरकार ने दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों को सस्ती दर पर पशु आहार उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। इसके तहत हनुमानगढ़ में डेयरी क्षेत्र का पहला स्ट्रा डेंसिफिकेशन प्लांट तैयार होने के बाद इसमें उत्पादन कार्य शुरू कर दिया गया है। हाल ही में ट्रायल के तौर पर प्लांट में उत्पादन कार्य सफल रहने पर अधिकारी उत्साहित हैं। इस माह के आखिरी तक प्लांट का औपचारिक शुभारंभ करने की तैयारी में डेयरी अधिकारी जुटे हुए हैं। गंगमूल डेयरी की ओर से नियुक्त प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर डॉ. अरुण गुप्ता के अनुसार नियमित रूप से उत्पादन शुरू होने पर प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को बाजार से आधे रेट पर पशु आहार उपलब्ध हो सकेगा।
गुप्ता के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जिलों के हजारों दुग्ध उत्पादकों को बाजार से सस्ती दर पर गुणवत्ता युक्त पशु आहार उपलब्ध करवाना हमारा मकसद है। इसके लिए विश्व बैंक ने हनुमानगढ़ गंगमूल डेयरी को सात करोड़ 11 लाख रुपए का बजट जारी किया था। नेशनल डेयरी डवलपमेंट फैडरेशन की निगरानी में भवन निर्माण के बाद आधुनिक मशीनें लगाने के बाद इस माह प्लांट में उत्पादन का ट्रायल भी सफल रहा है। डेयरी अधिकारी कहते हैं कि इस नई पद्धति से तैयार पशु आहार का परिवहन भी आसान रहेगा।
वर्तमान में अकाल प्रभावित क्षेत्रों में तुड़ी व पराली सहित अन्य पशु आहार भेजने पर परिवहन की सर्वाधिक परेशानी आती है। लेकिन आधुनिक पद्धति से तैयार उक्त पशु आहार का परिवहन आसानी से हो सकेगा। डेयरी से जुड़े कई अधिकारी सहकारिता क्षेत्र में इस प्लांट को देश का पहला प्लांट बता रहे हैं। अकाल तथा तेज गर्मी पडऩे के दौरान भी मांग के अनुसार दूध संकलन हो सके, इसे देखते हुए डेयरी प्रबंधन ने इस तरह के प्लांट का निर्माण करवाने का प्रस्ताव बनाया था।
अब डेयरी प्रबंधन व दूध संकलन समितियों को इस प्लांट के शुरू होने का इंतजार है। जिससे इनको गुणवत्ता युक्त तथा बाजार से आधे रेट में पशु आहार मिल सके। डेयरी डवलपमेंट को लेकर रीको क्षेत्र में करीब एक हेक्टेयर में पशु आहार उत्पादन को लेकर देश व प्रदेश के पहले स्ट्रा डेंसिफिकेशन प्लांट की स्थापना की गई है। इसमें आधुनिक लैब के अलावा एक ही जगह पर धर्मकांटा सहित अन्य सुविधाएं मिलेगी। प्लांट में प्रतिदिन 500 क्विंटल पशु आहार तैयार हो सकेगा। सलाना करीब 20 हजार मीट्रिक टन पशु आहार उत्पादन करने का लक्ष्य है। इससे प्रदेश के हजारों दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों को सीधे तौर पर लाभ मिलने की संभावना है।
स्मॉग का समाधान
डेयरी से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि अभी किसान धान की पराली जला देते हैं। लेकिन प्लांट में पराली व तुड़ी के मिश्रण से पशु आहार तैयार होने से डेयरी अधिकारी किसानों को पैसे देकर पराली की खरीद करेंगे। इससे किसान पराली को जलाने से परहेज करेंगे और क्षेत्र में स्मॉग की समस्या का समाधान भी होगा।

सफल रहा ट्रायल
गंगमूल डेयरी हनुमानगढ़ के एमडी पीके गोयल के अनुसार स्ट्रा डेंसिफिकेशन प्लांट के निर्माण को लेकर हनुमानगढ़ गंगमूल डेयरी को सात करोड़ 11 लाख रुपए का बजट जारी किया गया था। आधुनिक मशीनों की खरीद के बाद प्लांट में पशु आहार उत्पादन का ट्रायल सफल रहा है। इस माह के अंत तक लक्ष्य के अनुसार उत्पादन शुरू करने का प्रयास है। इससे दुग्ध उत्पादकों को बाजार से सस्ती दर पर पशु आहार मिल सकेगा। प्लांट के शुभारंभ को लेकर उच्चाधिकारियों से विचार-विमर्श कर रहे हैं।
ऐसे बनेगा प्लांट में पशु आहार
हनुमानगढ़ गंगमूल डेयरी में स्थापित प्लांट में तीन तरह के पशु आहार बनेंगे। इसमें चूरा, गोलीनुमा तथा ब्लॉक्सनुमा पशु आहार बनाने का ट्रायल पूर्ण हो चुका है। पराली, तुड़ी में नमक, गुड़ मक्का व दाना मिलाकर पशु आहार बनाया जाएगा। साथ ही नियमित रूप से गुणवत्ता की जांच भी होगी। बाजार से आधे रेट पर पशु आहार उपलब्ध करवाया जाएगा। पशुओं को पौष्टिक आहार मिलने से दुग्ध उत्पादन भी बढऩे की संभावना है। सलाना करीब 20 हजार मीट्रिक टन पशु आहार उत्पादन करने का लक्ष्य है। नियमित रूप से उत्पादन शुरू होने पर प्रदेश के पशु पालकों को काफी फायदा होगा।
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