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प्रसव करवाने के नाम पर मांगे सात हजार रुपए

locationहनुमानगढ़Published: Aug 19, 2019 10:01:53 pm

Submitted by:

Anurag thareja

प्रसव करवाने के नाम पर मांगे सात हजार रुपए- जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. चावला पर दो हजार रुपए लेने का आरोप – पीएमओ ने दिए जांच के आदेश

प्रसव करवाने के नाम पर मांगे सात हजार रुपए

प्रसव करवाने के नाम पर मांगे सात हजार रुपए

प्रसव करवाने के नाम पर मांगे सात हजार रुपए
– जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. चावला पर दो हजार रुपए लेने का आरोप
– पीएमओ ने दिए जांच के आदेश

हनुमानगढ़. जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. चावला पर एक बार फिर से इलाज के नाम पर पैसे मांगने का आरोप लगा है। इस संबंध में परिजनों ने पीएमओ को लिखित में शिकायत भी दी है। इसके चलते सोमवार को परिजनों ने पहले एमसीएच यूनिट में रोष जताया। इसके पश्चात पीएमओ कार्यालय में जाकर लिखित में भी शिकायत दी। नोहर के निवासी युनुस खान ने बताया कि गर्भवती सलमा के पेट में पल रहे बच्चे की मौत नोहर में ही हो गई थी। इसके चलते वहां के चिकित्सकों ने जिला अस्पताल के लिए रैफर किया था। १६ अगस्त को सुबह साढ़े ग्यारह बजे यहां पहुंचने पर गायनी डॉ. अमरजीत चावला ने गभर्वती को घर पर लाने को कहा। इस दौरान घर पर ही निजी लैब के तकनीशियन को बुलाकर जांच करवाई और अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। आरोप लगाया कि जांच रिपोर्ट आने के पश्चात डॉ. चावला ने कहा कि सरकारी अस्पताल में सार-संभाल नहीं होगी। निजी अस्पताल में केवल सात हजार रुपए लगेंगे। इस पर युनुस ने बताया कि उसने कहा उसके पास दो ही हजार रुपए है, जो पैसे से थे वह जांच रिपोर्ट व एबुलेंस से हनुमानगढ़ आने पर खर्च हो गए। दो हजार रुपए की राशि देने के बाद डॉ. चावला ने जिला अस्पताल भेज दिया। परिजनों ने बार-बार डॉ. चावला से मरे हुए बच्चे को बाहर निकालने का आग्रह किया। लेकिन कोई सुनवाई नहीं की। दो दिन बीत जाने के बाद रविवार को परिजनों ने जब हंगामा किया तो ऑपरेशन कर प्रसव कराया। परिजनों ने करीब दो दिन तक इलाज के नाम पर परेशान करने व आपबीति के बारे में माकपा के कई नेताओं को जानकारी दी। इसके पश्चात माकपा के कार्यकर्ता व परिजनों ने जिला अस्पताल के पीएमओ को लिखित में शिकायत कर मामले की जांच कर डॉ. अमरजीत चावला के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
पहले भी हो चुकी हैं शिकायतें
इलाज के नाम पर पैसे लेने के आरोप डॉ. अमरजीत चावला पर कई बार लग चुके हैं। इस संबंध में जिला अस्पताल प्रशासन को लिखित में शिकायतें भी दी गई। लेकिन बाद में परिजनों की ओर से शिकायतें वापस लेने पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
जांच कमेटी गठित, होगी कार्रवाई
पीएमओ डॉ. एमपी शर्मा ने बताया कि परिजनों ने लिखित में शिकायत दी है। इसके चलते दो चिकित्सकों को जांच करने के आदेश दिए हैं। मामले में दोषी पाए जाने पर डॉ. अमरजीत चावला के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉ. शर्मा ने बताया कि इससे पहले भी कई बार लिखित में शिकायतें आ चुकी हैं। लेकिन अधिकांश मामलें में परिजनों की ओर से शिकायत वापस उठा ली गई।
मुझे प्रलोभन दे रहे और दबाव मना रहे थे
डॉ. अमरजीत चावला ने बताया कि उनपर लगाए गए आरोप निराधर हैं, इधर, डॉ. चावला ने कहा कि परिजनों ने पहले उनपर दबाव मनाया, इसके बाद प्रलोभन देने लगे। गर्भवती को दिखाने के लिए मैने नहीं बुलाया था, खुद चलकर आए थे। पूरी एमसीएम यूनिट में दो गायनिक चिकित्सक हैं। दिन भर में चार से छह सजेरियन किए जाते हैं। काम करने के बावजूद झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
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