बंदियो में मारपीट, तलाशी ली तो मिला मोबाइल फोन, जेल से जब्त मोबाइल का आंकड़ा पचास पार
हनुमानगढ़Published: Mar 16, 2019 05:46:56 pm
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बंदियो में मारपीट, तलाशी ली तो मिला मोबाइल फोन, जेल से जब्त मोबाइल का आंकड़ा पचास पार
बंदियो में मारपीट, तलाशी ली तो मिला मोबाइल फोन, जेल से जब्त मोबाइल का आंकड़ा पचास पार
– जंक्शन थाने में नौ जनों के खिलाफ मामला दर्ज
हनुमानगढ़. जिला कारागृह में कई बंदी आपस में लड़ बैठे। अगले दिन शिकायत के आधार पर जब प्रहरियों ने बैरक की तलाशी ली तो वहां से एक एंड्रॉयड मोबाइल फोन जब्त किया गया। उसमें 4जी सिम भी डाली हुई थी। इस संबंध में शनिवार को जंक्शन थाने में नौ बंदियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। मारपीट की घटना 13 तथा मोबाइल फोन मिलने का मामला 14 मार्च का बताया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार जेल उपाधीक्षक की डाक के आधार पर जेल प्रहरी गजेन्द्र सिंह पुत्र मांगीराम ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 14 मार्च को सुबह जेल खोलने के दौरान बैरक संख्या सात में बंद रवि उर्फ सुंदर पुत्र चंदूराम बिश्नोई निवासी वार्ड नम्बर 17, पीलीबंगा ने बताया कि उसके साथ मारपीट की गई। 13 मार्च की रात उसके साथ बैरक में बंद विजय उर्फ सेठी पुत्र महावीर, रवि पुत्र अर्जुनराम, नाजम खान पुत्र वरियाम खान, राहुल उर्फ काकू पुत्र यशपाल, राजब अली पुत्र इलियास खान, नसीब अली पुत्र सुबा सादक, अल्लादिता पुत्र अलायार, मिर्जा उर्फ यूनुस अली पुत्र चिरागदीन व मनोज पुत्र रामकरण ने मारपीट की। शिकायत के आधार पर जेल कर्मियों ने मारपीट करने वाले बंदियों की तलाशी ली तो उनसे काले रंग का मोबाइल फोन बरामद हुआ। मोबाइल में एयरटेल कंपनी की 4जी सिम डली हुई थी। पुलिस ने बंदियों से मिले मोबाइल को जब्त कर उक्त नौ बंदियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 143 व कारागार अधिनियम की धारा 42 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपित नौ बंदियों में से कई मादक पदार्थांे की तस्करी करने व अवैध हथियार रखने सहित कई मामलों में न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद हैं। मामले की जांच सहायक उप निरीक्षक शम्भूदयाल स्वामी को सौंपी गई है। गौरतलब है कि जिला कारागृह में बंदियों में मारपीट होने के मामले इससे पहले भी सामने आ चुके हैं। वहीं पिछले डेढ़ साल में अलग-अलग ली गई जेल की तलाशी में करीब 50 मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं। इस सम्बंध में जंक्शन थाने में कई मामले भी दर्ज हुए। कई मामलों में आरोपितों की गिरफ्तारी भी हुई तथा एक प्रकरण में दो बंदियों को सजा भी हो चुकी है। इसके बावजूद जेल से मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लग पा रही है।