गत वर्ष बजट की कम उपलब्धता के चलते अवधिपार किसानों को ऋण नहीं दिया गया था। वहीं ऋणी सदस्यों को इस बार गत वर्ष की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक राशि वितरित करेंगे। हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक की साख सीमा १५०० करोड़ रुपए निर्धारित है। जबकि एक लाख से अधिक किसान बैंक से जुड़े हैं। ऋण वितरण सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए २१ अक्टूबर को बैंक की वर्चुअल आमसभा रखी गई है।
इसमें ग्राम सेवा सहकारी समितियों के साथ ही कुल ३०४ सदस्यों को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। वर्चुअल आमसभा में सभी ऑनलाइन तरीके से अपनी राय रख सकेंगे। इसमें बैंक वर्ष २०२०-२१ के अंकेक्षित लेखों व वर्ष २०२१-२२ के बजट का अनुमोदन किया जाएगा। बैंक के मुख्य प्रबंधक रामकुमार सहारण ने बताया कि ऋण वितरण का लक्ष्य बढ़ाने से ऋणी किसानों को लाभ होगा। किसान हितों को देखते हुए लक्ष्य बढ़वाया गया है।
केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ के एमडी दीपक कुक्कड़ के अनुसार ३१ मार्च २०२० को बैंक की हिस्सा पूंजी ३७.२२ करोड़ हो गई। इसकी औसत वृद्धि दर ०.४२ प्रतिशत रही। ३१ मार्च २०२१ को बैंक की हिस्सा पूंजी ३७.१६ करोड़ हो गई है। वर्ष २०२० को बैंक की अमानतें ४६८.२० करोड़ रही। जबकि वर्ष २०२१ में बैंक की अमानतें ५०६.८८ करोड़ हो गई। इसमें ८.२६ प्रतिशत वृद्धि हुई है।
केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ में वर्ष २०२०-२१ में ऋण वसूली की कुल मांग ४०६.०१ करोड़ रही। इसके विरुद्ध ३८५.२५ करोड़ वसूली कर ली गई है। जो कुल मांग का ९४.८९ प्रतिशत है। मार्च २०२१ में बैंक की कार्यशील पंूजी ११९१.१२ करोड़ रही।