यह शेयर निर्धारित
रेग्यूलेशन खंड के एक्सईएन दिवाकर पांडे ने बताया कि इंदिरागांधी नहर की जितनी बारी निर्धारित की गई है, उसके अनुसार नहरों को चलाने जितना पानी देने पर बीबीएमबी ने स्वीकृति जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि २१ जनवरी २०२० तक रावी व्यास से राजस्थान को १२६४० क्यूसेक पानी मिलता रहेगा। इसी तरह २२ जनवरी से ३१ जनवरी तक १०५००, एक फरवरी से १६ फरवरी तक १०३०० तथा १७ फरवरी से २९ फरवरी २०२० तक १२४५० क्यूसेक पानी मिलेगा। इस दौरान २१ जनवरी से २९ फरवरी तक सतलुज वाया पंजाब से १००० व सतलुज वाया हरियाणा से ४०० क्यूसेक पानी पूर्व की तरह राजस्थान को मिलता रहेगा।
रेग्यूलेशन खंड के एक्सईएन दिवाकर पांडे ने बताया कि इंदिरागांधी नहर की जितनी बारी निर्धारित की गई है, उसके अनुसार नहरों को चलाने जितना पानी देने पर बीबीएमबी ने स्वीकृति जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि २१ जनवरी २०२० तक रावी व्यास से राजस्थान को १२६४० क्यूसेक पानी मिलता रहेगा। इसी तरह २२ जनवरी से ३१ जनवरी तक १०५००, एक फरवरी से १६ फरवरी तक १०३०० तथा १७ फरवरी से २९ फरवरी २०२० तक १२४५० क्यूसेक पानी मिलेगा। इस दौरान २१ जनवरी से २९ फरवरी तक सतलुज वाया पंजाब से १००० व सतलुज वाया हरियाणा से ४०० क्यूसेक पानी पूर्व की तरह राजस्थान को मिलता रहेगा।
बांधों के जल स्तर पर नजर
१७ जनवरी २०१९ को पौंग बांध का जल स्तर १३५६.०९ फीट था। इसी तरह भाखड़ा का लेवल १६४७.६८ फी था। वहीं १७ जनवरी २०२० को दोनों बांधों का जल स्तर क्रमश: १३६७.२४ व १६३९.२५ फीट हो गया। वहीं रणजीत सागर बांध का जल स्तर १७ जनवरी २०१९ को ५१४.७६ मीटर था। इसका जल स्तर इस वर्ष भी लगभग इसके इर्दगिर्द ही है।
१७ जनवरी २०१९ को पौंग बांध का जल स्तर १३५६.०९ फीट था। इसी तरह भाखड़ा का लेवल १६४७.६८ फी था। वहीं १७ जनवरी २०२० को दोनों बांधों का जल स्तर क्रमश: १३६७.२४ व १६३९.२५ फीट हो गया। वहीं रणजीत सागर बांध का जल स्तर १७ जनवरी २०१९ को ५१४.७६ मीटर था। इसका जल स्तर इस वर्ष भी लगभग इसके इर्दगिर्द ही है।