scriptBudget not found for electrification and drinking water, work in limbo | विद्युुतिकरण व पेयजल के लिए नहीं मिला बजट, कार्य अधर में | Patrika News

विद्युुतिकरण व पेयजल के लिए नहीं मिला बजट, कार्य अधर में

locationहनुमानगढ़Published: May 24, 2023 11:05:47 pm

Submitted by:

Anurag thareja

विद्युुतिकरण व पेयजल के लिए नहीं मिला बजट, कार्य अधर में
- एकल सब्जी मंडी में सड़कें बनकर तैयार, भवनों को भी हुआ निर्माण
हनुमानगढ़. जंक्शन के नवां बाइपास निर्माणाधीन एकल सब्जी मंडी में विद्युतिकरण व पेयजल के लिए राज्य सरकार से अभी तक बजट नहीं मिला।

विद्युुतिकरण व पेयजल के लिए नहीं मिला बजट, कार्य अधर में
विद्युुतिकरण व पेयजल के लिए नहीं मिला बजट, कार्य अधर में
विद्युुतिकरण व पेयजल के लिए नहीं मिला बजट, कार्य अधर में
- एकल सब्जी मंडी में सड़कें बनकर तैयार, भवनों को भी हुआ निर्माण
हनुमानगढ़. जंक्शन के नवां बाइपास निर्माणाधीन एकल सब्जी मंडी में विद्युतिकरण व पेयजल के लिए राज्य सरकार से अभी तक बजट नहीं मिला। कृषि उपज मंडी समिति के अधिकारियों को उम्मीद थी कि बजट सत्र के दौरान बजट की स्वीकृति आसानी से मिल जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मंडी समिति के अधिकारी जून में लेखा-जोखा तैयार बजट की डिमांड भेजेंगे। एकल सब्जी मंडी में सड़कों का निर्माण हो चुका है। इसके बाद विद्युतिकरण व पेयजल की पाइप लाइनें बिछाने का कार्य होगा। इसके लिए राज्य सरकार अंतिम चरण के कार्य के लिए बजट दे, तो इसी वर्ष के अंत तक दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया हो सकेगी। विद्युतिकरण व पेयजल के कार्य इसी वर्ष किया जाना है। जानकारी के अनुसार अबोहर बाइपास स्थित मुख्य वाटर वक्र्स से नवां बाइपास पर पेयजल की सप्लाई दी जाएगी। इसके लिए पीएचईडी अलग से पाइपलाइन बिछाएगी। वहीं एकल सब्जी मंडी के लिए मेडिकल कॉलेज के जीएसएस से विद्युत की सप्लाई दी जाएगी। जगह का चयन भी हो चुका है। एकल सब्जी मंडी को विकसित करने की योजना पांच वर्ष पूर्व शुरू हुई थी। मंडी समिति टाउन व जंक्शन से इन पांच साल में 100 करोड़ की आय कर राज्य सरकार को भेज चुकी है। लेकिन हनुमानगढ़ की एकल सब्जी मंडी के लिए अतिरिक्त बजट का आवंटन नहीं किया गया। कृषि उपज मंडी समिति को टाउन मंडी से सलाना 12 करोड़ की आय होती और जंक्शन मंडी से 8 करोड़ की आय हो रही है। एक वर्ष में कृषि उपजमंडी समिति के खजाने में 20 करोड़ रुपए आते हैं। राज्य सरकार उसी मंडी को विभिन्न चरणों में बजट दे रही है। गौरतलब है कि करीब पांच वर्ष पहले विधानसभा चुनाव 2018 से पहले भूमि का आवंटन हुआ था। कृषि उपज मंडी समिति ने 20 बीघा भूमि के आवंटन के बदले में पचास प्रतिशत आरक्षित दर जमा करवाया था। चक दो एनडब्ल्यूएनयू में बीस बीघा यानि की 60500 वर्ग गज पचास प्रतिशत आरक्षित दर व अरबन असेसमेंट पर नगर परिषद 2016-17 में आवंटन किया था। सरकार की ओर से विभिन्न चरणों में बजट जारी होने के कारण देरी होने के कारण इस योजना को पांच वर्ष के करीब हो चुके हैं। वर्तमान में 3.30 करोड़ की लागत से कार्यालय, कैंटीन, कियोस्क, प्याऊ, शौचालय, चेक पोस्ट, आधुनिक प्रवेश द्वार, सामान्य पिड आदि का निर्माण कार्य जारी है।
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