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अस्थाई एसटीजी नहर टूटी, पचास बीघा भूमि जलमग्न, बिजाई प्रभावित

locationहनुमानगढ़Published: Dec 03, 2019 11:43:10 am

Submitted by:

Manoj

गेहूं बिजाई हुई नष्ट, किसानों की मेहनत पर फिरा पानी

अस्थाई एसटीजी नहर टूटी, पचास बीघा भूमि जलमग्न, बिजाई प्रभावित

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हनुमानगढ़. डबलीराठान क्षेत्र की जीवनदायिनी एसटीजी नहर को पक्का करने के कार्य के दौरान चक 14 एसटीजी में पानी प्रवाह के लिए बनी अस्थाई नहर के टूटने से लगभग पचास बीघा में गेहूं बिजाई की गई भूमि जलमग्न हो गई। जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। किसानों ने नहर ठेकेदार की घोर लापरवाही के प्रति गहरा रोष प्रकट करते हुए नुकसान भरपाई की मांग की। नहर मंडल अध्यक्षों, सरपंच प्रतिनिधियों एवं आसपास के किसानों की मध्यस्थता के बाद ठेकेदार के इंचार्ज को मौका पर बुलाकर वार्ता कर समझौता करना पड़ा।

घटना रविवार रात लगभग दो अढ़ाई बजे की बताई गई है। पांच घंटे की अथक मेहनत के बाद विशेष मशीन एक्सीवेटर एवं टैक्टर कराहों से लगभग बीस फुट के कटाव को सोमवार सुबह लगभग सात बजे बांध दिया गया। किसान बलविंदर सिंह, कुलदीप सिंह आदि ने मौके पर पहुंचे। उन्होंने ठेकेदार पर लापरवाही के आरोप लगाए। किसानों ने कहा कि पहले गेहूं बिजाई की पर बरसात की मार पड़ी अब दुबारा मेहनत कर गेहूं बिजाई के बाद नहर की टाल टूटने से मेहनत पर पानी फिर गया। टाल टूटने की सूचना पाकर गिरदावर राजेन्द्र भांभू, हल्का पटवारी सुनीता कड़वा भी मौके पर पहुंचे।

वार्ता के बाद हुआ समझौता
किसानों एवं ठेकेदार के प्रतिनिधियों की वार्ता के बाद तीन घंटे की माथापच्ची के बाद समझौता हुआ। समझौता में किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए ठेकेदार की ओर से प्रति बीघा 17 हजार रुपए देय होगा। जिसमें ठेकेदार जलमग्न भूमि को छह महीने अपने पास रखेगा। किसान के खेत के सिंचाई के लिए कुओं आदि की कमान भी ठेकेदार संभालेगा। इस दौरान बिजली बिल भुगतान, टूट-फूट भी उसके जिम्मे होगी। गेहूं फसल कटाई की कटाई के बाद ठेकेदार किसानों को वापिस भूमि सौंप देगा।

समझौता में वात्र्ता में ये हुए शामिल
किसानों एवं ठेकेदार के मध्य समझौता करवाने में 14 एसटीजी नहर मंडल अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह, चक 7 एसटीजी नहर मंडल अध्यक्ष मोहम्मद रफी, दोनों पंचायतों के सरपंच प्रतिनिधि बाले खां, गुरजंट सिंह चोटिया, किसान कुलदीप सिंह, बलविंदर सिंह , कलवन्त सिंह, पूर्ण राम, लालूराम,बहादरराम,प्रेम कुमार, अमरीक सिंह, बलदेव सिंह,जगरुप सिंह,कोर सिंह, रणजीत सिंह, समाजिक कार्यकर्ता कर्ण गाबा, नहर पकी करवाने वाले फतेहाबाद हरियाणा के ठेकेदार पिरथवी सिंह के प्रतिनिधि लोकराज एवं रामनिवास शामिल हुए।

पानी की आवश्यकता नहीं होने के कारण टूटी नहर
मोघे बंद करने वाले काश्तकारों के खिलाफ होगी कार्यवाही
रावतसर. निकटवर्ती गांव खोडा के पास केडीडी नहर के शुक्रवार रात टूटने से लगभग 64 बीघा भूमि में पानी भर गया था। इससे 54 बीघा में गेहूं की फसल नष्ट हो गई थी। मगर अब तक नहर के पटड़े बांधे नहीं जा सके हैं। क्योंकि किसान पटड़ा बांधने से पूर्व फसल खराबे का सर्वे कराने की मांग कर रहे हैं।

ऐसे में जल संसाधन विभाग ने नहर बांधने का कार्य बंद कर दिया था। यद्यपि राजस्व विभाग के पटवारी मौके पर पहुंचे व सर्वे कर उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया था। नहर टूटने का मुख्य कारण बिजाई होने व बरसात के कारण किसानों को पानी की कम आवश्यकता थी। इसलिए मोघे बंद कर दिए गए थे। इससे नहर ओवरफ्लो होकर टूट गई।

डीडब्ल्यूडी नहर भी टूटी
गत बुधवार को डीडब्ल्यूडी नहर के मोघे बंद होने के कारण वह टूट गई थी। लगभग 10-15 बीघा भूमि में पानी भर गया था। मशक्कत के बाद इसे बांधा जा सका था।

कार्यवाही होगी
जल संसाधन विभाग के अधीशासी अभियंता राजेन्द्र अखवी ने बताया कि किसानों के मोघे बंद करने के कारण नहर टूटी थी। दोषी काश्तकारों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी। नहर टूटने के बाद आसपास की मिट्टी दलदली हो गई है। पानी सूखने के दो-तीन दिन बाद नहर को बांध दिया जाएगा।
सिंचाई विभाग की अनदेखी से टूट रहे खाले व माईनर
खराब मौसम के दौरान पानी नहीं घटाने से टूटी माईनर, अधिकारी नहीं कर रहे सुनवाई
जाखड़ांवाली. इंदिरागांधी मुख्य नहर से निकलने वाली एसपीडी वितरिका में गत शुक्रवार सुबह चक १८ एसपीडी ए के पास आए कटाव से कई बीघा भूमि जलमग्न हो गई थी। जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ थी। सरदारपुरा वितरिका व माईनर जल उपयोक्ता संगम ०९ के अध्यक्ष चक १८ एसपीडी निवासी बलवन्तराम सुथार ने बताया कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को बरसात का मौसम होने के कारण नहर में पानी घटाने के लिए अनेक बार अवगत करवाया था मगर कोई सुनवाई नहीं करने से नहर में कटाव लग गया था। नहर टूटने से बलवन्तराम सुथार के खेत में साढ़े चार बीघा में बिजाई की गई गेंहू कूरंड होने से आर्थिक नुकसान हुआ। कल्याण भूमि की दीवार में पानी से कटाव लग गया। जिससे दीवार में काफी दरार आ गई है।
चक २० एसपीडी टेल के किसान भगवानाराम मूंढ़, संदीप मूंढ़ ने बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारी समय रहते पानी घटा देते तो किसानों को नुकसान नहीं होता। टेल के किसानों का आरोप है कि जब पानी की कमी होती है तो टेल प्यासी रहती मगर जब बरसात का मौसम होता है तो पानी का दबाव झेलना पड़ता है। किसान भगवानाराम ने बताया कि अधिक पानी के दबाव से सिंचाई खाले भी ओवरफ्लो होकर टूट रहे हैं। चक १२ एसपीडी के किसान नोपाराम गोदारा का कहना है कि विभागीय अधिकारी बरसात के दौरान पानी कम नहीं करते है तथा नहर टूटने पर जल की बर्बादि होती हैं, वहीं जरूरतमंद किसानों की बारियां पीटने से नुकसान उठाना पड़ता है।
किसानों ने विभागीय कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए बताया है कि जब नहर के मोघे बंद होते हैं तो मोघे खुलवाने की कोई जिम्मेदारी नहीं समझते है जिससे खाले व नहर टूटने से किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ता है।

पर्याप्त सिंचाई पानी नहीं मिलने से किसानों में रोष
पीलीबंगा. इंदिरागांधी नहर परियोजना में नहरों को तीन में से एक की बजाय चार में से दो गु्रप में सिंचाई पानी देने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के तहसील शाखा अध्यक्ष हरीश पचार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला कलक्टर व मुख्य अभियंता के नाम उपखंड अधिकारी डॉ अवि गर्ग को ज्ञापन सौंपे। ज्ञापन में बताया कि वर्तमान में रबी की फसलों की बम्पर बिजाई हुई है तथा बांधों में भी पूरा पानी है। इसके बावजूद सिंचाई विभाग ने तीन में से एक गु्रप का वरीयताक्रम जारी किया। उन्होंने बताया कि विभाग के आकलन के हिसाब से 21 सितम्बर से 24 नवम्बर तक आवक 1 लाख 32 हजार क्यूसेक होनी संभावित थी। जो कि 5 लाख 1 हजार क्यूसेक हुई। उन्होंने बताया कि पोंग बांध का लेबल 64 दिन में 1387 से 1377 तक आया है। इसके चलते विभाग पानी की बारी को लेकर चार में से दो समूह चला सकता है जबकि विभाग ने तीन में से एक गु्रप का वरीयताक्रम जारी किया। यह किसानों के साथ अन्याय है।
उन्होंने पांच दिसम्बर से पूर्व चार में से दो गु्रप पानी चलाने का वरीयताक्रम जारी करने की मांग की ताकि किसानों को फसलों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके। किसानों ने बताया कि यदि पानी उपलब्ध नहीं करवाया गया तो छह दिसम्बर को कार्यकर्ता मुख्य अभियंता कार्यालय का घेराव करेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में संभागीय अध्यक्ष प्रेम बेनीवाल, कोषाध्यक्ष प्रगटसिंह बराड़, गोलूवाला शाखा अध्यक्ष रामकुमार धारणियां, जसंवत जाखड़, शंकरलाल सुथार, कृष्णलाल सैनी, बीरबल देहडू, राजेन्द्र झींझा, कालूराम सुथार, हरीसिंह गोदारा शामिल थे। (पसं)
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