जिले की छह ऐसी ग्राम सेवा सहकारी समितियां हैं, जिनकी ऑडिट दो बरसों से बकाया है। जबकि नवम्बर २०१८ तक बैंक से इनके लेनदेन की प्रक्रिया जारी थी। मुंडा ग्राम सेवा सहकारी समिति से ९९२ किसान जुड़े हैं, इनसे बैंक ने सलाना ५८५.४७ का कारोबार किया है। इसी तरह मलखेड़ा से ६४० किसान जुड़े हैं, इस समिति से सहकारी बैंक का ८१८.५७ लाख रुपए का कारोबार हुआ। पांडूसर ग्राम सेवा सहकारी समिति से ८४५ किसान जुड़े हैं, इनसे बैंक का १०९० लाख, सागड़ा से ४२७ किसान जुड़े हैं, इनसे ५४७.४५ लाख, बिहारीपुरा से ६४० किसान जुड़े हैं, इनसे ७९८ लाख तथा खुईयां से ३४० किसान जुड़े हैं, इनसे बैंक ने चालू बरसों में ६६०.७६ लाख रुपए का कारोबार किया है।
सहकारी बैंक हनुमानगढ़ के अधीन जिले में २१५ ग्राम सेवा सहकारी समितियां संचालित हो रही है। ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से गांवों में बैंकिंग व्यवस्था संचालित की जा रही है। इसमें गंधेली, ढाणी नेहरावाली, साहूवाला, नौरंदेसर, डबलीकलां, हिरणावाली, ढंढ़ेला, उम्मेवाला, मैनावाली, मिर्जावाली मेर, पक्कासारणा, दलपतपुरा, मेघाना, शेरड़ा, डूंगराना, मलसीसर, भाड़ी, नुकेरा, संतपुरा आदि सहकारी समितियों में वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर गत वर्ष जांच प्रक्रिया शुरू की गई। इन समितियों में करीब 50 लाख से एक करोड़ रुपए के वित्तीय अनियमितता का आरोप था। जबकि उम्मेवाला में करोड़ों के फर्जी एफडीआर का मामला भी काफी चर्चित रहा था।
जिन सहकारी समितियों की गत वर्ष जांच करवाई गई, उनमें वित्तीय गड़बड़ी का आरोप था। इसमें खाद-बीज विक्रय में स्टॉक में हेरफेर, निर्धारित वेतनमान से अधिक वेतन भुगतान, कैश बैलेंस में कमी, एफडी राशि बैंक के खाते में जमा नहीं करवाना आदि शामिल है। इधर वर्तमान में छह ऐसी समितियां हैं, जिन्होंने गत दो वर्ष से समितियों की ऑडिट ही नहीं करवाई। इसे बैंक अधिकारी अब गंभीरता से ले रहे हैं।
सहकारिता क्षेत्र में गबन व अनियमितता के दो आरोपितों ने आत्महत्या कर ली। इसमें पल्लू सहकारी बैंक में करीब सवा दो करोड़ के गबन मामले में आरोपित एक प्रबंधक व व्यवस्थापक शामिल है। आधा दशक पहले पल्लू में फर्जी दस्तावेजों से ऋण वितरण करके बैंक को करीब सवा दो करोड़ का नुकसान पहुंचाने का आरोप था। जांच के बाद आरोपितों से अधिकांश राशि हालांकि वसूली करवा ली गई।
-हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक की साख सीमा कुल १५०० करोड़ है।
– बैंक से एक लाख चार हजार ऋणी किसान जुड़े हुए हैं।
-गत दो वर्षों से छह ग्राम सेवा सहकारी समितियों न ऑडिट ही नहीं करवाई है।
– ऋणी कृषक सदस्यों में अभी तक करीब ८५ हजार किसानों के बचत खाते खोलकर आधार से लिंक किए जा चुके हैं।
-दो लाख से अधिक ऋण लेने वाले बैंक के ३१३ किसान हैं जबकि पचास हजार रुपए तक का ऋण लेने वाले ५४७१८ किसान हैं।
-अनियमितता की शिकायत पर वर्ष २०१७ में ३७ ग्राम सेवा सहकारी समितियों की जांच करवाई गई थी।
-वर्ष २०१८-१९ में केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ को १०८० करोड़ का ऋण वितरण का लक्ष्य दिया गया है।
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जिले की छह ग्राम सेवा सहकारी समितियों की ऑडिट दो वर्षों से बकाया चल रही है। इनसे बैंक का करोड़ों का लेनदेन जुड़ा है। कई बार अवगत करवाने के बावजूद अब बैंक प्रबंधन ने ऑडिट करवाने तक इन समितियों को नोटिस देकर लेनदेन बंद करने की चेतावनी दी है।
भूपेंद्र सिंह , प्रबंध निदेशक, केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़
जिन ग्राम सेवा सहकारी समितियों ने तय समय में ऑडिट करवाकर इसकी रिपोर्ट पेश नहीं की, उनको चेताया गया है कि शीघ्र ऑडिट नहीं करवाने पर उनके संचालक मंडल को भंग कर दिया जाएगा। इसके साथ ही संबंधित व्यवस्थापक के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
अमीलाल सहारण, उप रजिस्ट्रार, सहकारिता विभाग हनुमानगढ़