जिले में गेहूं को रबी सीजन का मुख्य फसल कहा जाता है। कृषि अधिकारियों की मानें तो वर्ष २०१६-१७ में गेहूं पर ५२३ रुपए बीमा प्रीमियम पेटे किसानों से वसूला जा रहा था, जिसे वर्ष २०१७-१८ में बढ़ाकर ७०१ तथा वर्ष २०१८-१९ में बढ़ाकर ११३० रुपए प्रति हेक्टेयर कर दिया गया। वर्ष २०१८-१९ में हनुमानगढ़ जिले में १५३०८९ किसानों ने बीमा करवाया है। इसमें कुल २२६८३९.४५ हेक्टेयर को कवर किया गया है।
पीएम फसल बीमा योजना में गेहूं फसल में खराबे पर अब जोखिम स्तर का प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। इससे खराबे की स्थिति में किसानों को लाभ मिलने के अधिक आसार हैं। पूर्व में गारंटी उपज से ८० प्रतिशत तक उपज होने पर क्लेम शून्य मिलता था। लेकिन अब सरकार ने जोखिम प्रतिशत बढ़ाकर ९० कर दिया है। यानी साफ है कि बीमा नियमों के तहत किसी फसल की गारंटी उपज अगर दस क्विंटल निर्धारित है और आठ क्विंटल उपज हुई हो तो किसान क्लेम का हकदार नहीं होता था। आठ क्विंटल से कम उपज होने पर ही किसान क्लेम लेने का हकदार होता था। मगर अब जोखिम स्तर ९० प्रतिशत करने के कारण नौ क्विंटल से कम उपज वाले किसान भी क्लेम लेने का हकदार बन सकेंगे।
-सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना के तहत गेहूं पर जोखिम प्रतिशत बढ़ाकर ८० से ९० प्रतिशत कर दिया है।
-वर्ष २०१६-१७ में गेहूं पर ५२३ रुपए बीमा प्रीमियम था, जिसे वर्ष २०१८-१९ में बढ़ाकर ११३० रुपए प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है।
-रबी वर्ष २०१८-१९ में इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने हनुमानगढ़ में १५३०८९ किसानों का बीमा किया।
-रबी २०१८-१९ में फसलों को हुए नुकसान की एवज में करीब ४० करोड़ का क्लेम जारी होने का अनुमान है।
वर्ष किसान
२०१६-१७ ६५४३८
२०१७-१८ ४५७६०
२०१८-१९ १५३०८९
(नोट: उक्त संख्या रबी सीजन में पीएम फसल बीमा योजना के तहत हनुमानगढ़ में किसानों की ओर से करवाए गए बीमा की है।)
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