scriptChallenge of saving mustard crop in cold environment | सर्द माहौल में सरसों की फसल को बचाने की चुनौती | Patrika News

सर्द माहौल में सरसों की फसल को बचाने की चुनौती

locationहनुमानगढ़Published: Dec 23, 2021 10:05:14 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. इस बार सर्द माहौल में सरसों की फसल को बचाने की चुनौती रहेगी। वर्तमान में जिले की अगेती सरसों फसल में कहीं-कहीं पाला पडऩे की सूचना मिली है। इसका प्रतिशत हालांकि अभी पांच-सात ही है। इसलिए अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। पाला पडऩे की स्थिति में इस फसल को कैसे बचाया जाए, इसकी तकनीकी जानकारी देने में कृषि विभाग की टीम जुटी हुई है। वर्तमान में जिले में बादलवाही का मौसम होने से पाला पडऩे की ज्यादा आशंका नहीं है।

 

सर्द माहौल में सरसों की फसल को बचाने की चुनौती
सर्द माहौल में सरसों की फसल को बचाने की चुनौती
सर्द माहौल में सरसों की फसल को बचाने की चुनौती
-पाला व शीतलहर से फसल खराबा होने की स्थिति में विशेष गिरदावरी करवाने को लेकर सरकार ने जारी किया निर्देश
-जिले में इस बार गेहूं की तुलना में सरसों बिजाई पर रहा किसानों का ज्यादा जोर
हनुमानगढ़. इस बार सर्द माहौल में सरसों की फसल को बचाने की चुनौती रहेगी। वर्तमान में जिले की अगेती सरसों फसल में कहीं-कहीं पाला पडऩे की सूचना मिली है। इसका प्रतिशत हालांकि अभी पांच-सात ही है। इसलिए अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। पाला पडऩे की स्थिति में इस फसल को कैसे बचाया जाए, इसकी तकनीकी जानकारी देने में कृषि विभाग की टीम जुटी हुई है। वर्तमान में जिले में बादलवाही का मौसम होने से पाला पडऩे की ज्यादा आशंका नहीं है। भविष्य में मावठ की संभावना भी जताई गई है। परंतु फिर भी विभागीय अधिकारी किसानों को तकनीकी जानकारी देकर पाला पडऩे की स्थिति में फसल बचाने के बारे में जागरूक कर रहे हैं। राज्य सरकार ने भी जिले में पाला पडऩे व शीतलहर से फसल प्रभावित होने की स्थिति में विशेष गिरदावरी करवाने को लेकर गुरुवार को निर्देश जारी कर दिया है।
इसके बाद जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने सभी एसडीएम को इस बारे में अवगत करवा दिया है। जल्द खराबे का प्रारंभिक आंकलन करके इसकी सूचना सरकार को भिजवाई जाएगी। जिले में इस वर्ष लगभग 225000 हैक्टेयर में सरसों फसल की बिजाई हुई है। जो गत वर्षों की तुलना में लगभग दोगुणा है। सरसों के अच्छे बाजार भाव एवं सिंचाई जल की कमी के चलते कृषकों का रुझान सरसों की खेती की तरफ बढ़ा है। बड़े पैमाने पर बिजाई के बाद कृषि विभाग अब अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के प्रयास में है। चालू वर्ष में सरसों फसल की जिले में औसत उत्पादकता पांच क्विंटल प्रति बीघा प्राप्त कर गत वर्षों की तुलना में सरसों का दो गुणा उत्पादन प्राप्त करने का लक्ष्य विभाग ने निर्धारित किया है।
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