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दुस्साहस इतना कि बेखौफ होकर अपने खिलाफ खुद दे रहे जुर्म का सुबूत

locationहनुमानगढ़Published: Oct 15, 2021 08:00:54 pm

Submitted by:

adrish khan

अदरीस खान @ हनुमानगढ़. पुलिस का ‘अपराधियों में भय’ का ध्येय वाक्य दरकिनार कर अपराधी आमजन में भय पैदा कर रहे हैं। अपराधियों में दुस्साहस इतना कि बेखौफ होकर अपने खिलाफ खुद ही जुर्म का सुबूत भी दे रहे हैं। मतलब हत्या से लेकर हत्या के प्रयास तक की वारदातों के वीडियो बनाकर वायरल किए गए हैं।

दुस्साहस इतना कि बेखौफ होकर अपने खिलाफ खुद दे रहे जुर्म का सुबूत

दुस्साहस इतना कि बेखौफ होकर अपने खिलाफ खुद दे रहे जुर्म का सुबूत

दुस्साहस इतना कि बेखौफ होकर अपने खिलाफ खुद दे रहे जुर्म का सुबूत
– पुलिस को चुनौती देते हुए अपराधी कर रहे आमजन में भय पैदा
– जघन्य अपराधों के वायरल वीडियो बने कानून व्यवस्था के लिए समस्या
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. पुलिस का ‘अपराधियों में भय’ का ध्येय वाक्य दरकिनार कर अपराधी आमजन में भय पैदा कर रहे हैं। अपराधियों में दुस्साहस इतना कि बेखौफ होकर अपने खिलाफ खुद ही जुर्म का सुबूत भी दे रहे हैं। मतलब हत्या से लेकर हत्या के प्रयास तक की वारदातों के वीडियो बनाकर वायरल किए गए हैं। इनके जरिए अपराधी पुलिस को चुनौती देते हुए आमजन को डरा रहे हैं।
जिले में हाल ही दो गंभीर मामलों से संबंधित वीडियो वायरल किए जा चुके हैं। खास बात यह कि इस तरह अपराधिक कृत्यों के वीडियो बनाकर वायरल करने वाले कोई जरायमपेशा लोग नहीं हैं। इसके बावजूद उनमें पुलिस और कानून का भय नजर नहीं आता। यह स्थिति ना केवल पुलिस के लिए बल्कि समाज के लिए भी चिंतनीय है। इससे फैल रही नकारात्मकता खतरे की दस्तक दे रही है।
भय व नकारात्मकता
ताजा मामला पीलीबंगा के प्रेमपुरा में युवक की लाठियों से पीट-पीट कर हत्या का है। आरोपियों ने सात अक्टूबर को सुनसान जगह पर युवक की पिटाई करते हुए वीडियो बना वायरल कर दिया। इसी तरह सितम्बर में भादरा में किशोर की पिटाई व प्रताडऩा की घटना का भी वीडियो बनाकर वायरल किया गया। प्राथमिकी के अनुसार किशोर के गुप्तांग में मिर्ची भर गई व उसे सिगरेट से दागा गया। इन दोनों ही वीडियो को देखकर सबके शरीर में भय से सिहरन दौड़ गई। इससे पहले भी गंभीर प्रकरणों में वीडियो वायरल किए जा चुके हैं।
क्या कहे आइटी एक्ट
किसी को सोशल मीडिया पर बदनाम करने, आपत्तिजनक वीडियो बनाकर वायरल करने आदि पर आईटी एक्ट की धारा 66 व 67 लगाई जाती है। इसमें अधिकतम पांच साल कारावास की सजा का प्रावधान है। जिले में इस साल आईटी एक्ट में तीस मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
अपराध में बराबर के सहभागी
अपराधिक वारदात और उसका वीडियो बनाकर वायरल करना दोनों ही गंभीर बात है। इसके पीछे उनकी जो भी मंशा हो, पुलिस कड़ी कार्रवाई करती है। ऐसे प्रकरणों में आरोपियों के साथ मौजूद रहकर वीडियो बनाने वाले अपराध में बराबर के सहभागी होते हैं। पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करती है। – प्रीति जैन, जिला पुलिस अधीक्षक।
अपराधी की सोच, सिस्टम फेल
अपराध कर उसकी वीडियो वायरल करने वालों की मनोदशा यह रहती है कि सिस्टम फेल हो चुका है। हम जो तरीका अपना रहे हैं, वही सही है। हमने अपना मसअला यूं निपटाया है। समाज भी यही रास्ता अपनाए। निश्चित तौर पर इससे समाज में नकारात्मकता फैलती है तथा व्यवस्था पर विश्वास कम होता है। – डॉ. समीर सहारण, वरिष्ठ मनोचिकित्सक, हनुमानगढ़।
नहीं पुलिस का डर
अपराधिक वारदात की वीडियो बनाकर उसे वायरल करने का अर्थ है कि पुलिस का बिल्कुल डर नहीं है। वे अपने खिलाफ खुद ही साक्ष्य देकर पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। अपराधी यह संदेश देना चाहते हैं कि अवैध संबंध रखोगे, लड़की छेड़ोगे या पैसा-जमीन नहीं लौटाओगे तो यही होगा। – अनुज डोडा, वरिष्ठ अधिवक्ता, हनुमानगढ़।
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