इस मामले में गांव रामका निवासी रामकुमार सोनी की ओर से की गई शिकायत के बाद संबंधित ग्राम पंचायत में वर्ष २०२०-२१ में करवाए गए इंटर लोकिंग सड़क व नाली निर्माण में अनियमितता मामले की जांच की गई। जांच में यह बात सामने आई कि समस्त कार्यों के तकमीने में नाली निर्माण का कार्य लिए जाने के बाद भी मौके पर नाली निर्माण नहीं करवाया गया। जबकि सड़क निर्माण के साथ नाली निर्माण जरूरी था। १७ कार्य ग्राम पंचायत की वार्षिक योजना में राज्य वित्त आयोग में दर्ज मिले। ग्राम पंचायत की ओर से १५ कार्यों की स्वीकृति १४ वें वित्त आयोग में जारी कर नियम विरुद्ध भुगतान करने का मामला सामने आया है। जांच के दौरान १७ में ११ ऐसे कार्य मिले , जिनकी तकनीकी स्वीकृति कलस्टर कनिष्ठ तकनीकी सहायक की बजाय दूसरे कनिष्ठ तकनीकी सहायक की ओर से जारी किए गए हैं।
जिले की ग्राम पंचायत ब्रह्मसर में इस तरह का मामला सामने आने पर राजस्थान पत्रिका में १४ नवम्बर २०२१ को ‘ग्राम विकास अधिकारी ने मनमाने तरीके से बनाई सड़क, बीडीओ ने उस पर लगाई मुहरÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया। इसके बाद अब जिला परिषद सीईओ ने संबंधित जिम्मेदारों को अंतिम नोटिस जारी किया है। इस मामले में तत्कालीन बीडीओ राजेंद्र जोइया की कार्यशैली पर भी सवाल उठे हैं।
ग्राम विकास अधिकारी को चार्जशीट
ब्रह्मसर ग्राम पंचायत में करवाए गए विकास कार्यों की जांच करने पर कई तरह की अनियमितताएं सामने आई है। इस मामले में आरोपी ग्राम विकास अधिकारी को चार्जशीट दे दिया है। बाकी आरोपियों को भी नोटिस जारी कर दिया है। नियमानुसार कार्रवाई प्रस्तावित है।
-अशोक असीजा, सीईओ, जिला परिषद हनुमानगढ़