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अन्तरराज्जीय ठगी गिरोह पुलिस रिमांड पर

locationहनुमानगढ़Published: Sep 21, 2019 11:06:25 pm

Submitted by:

Manoj

– 17 बैंको को 27 लाख 37 हजार रुपए का लगाया चूना

अन्तरराज्जीय ठगी गिरोह पुलिस रिमांड पर

अन्तरराज्जीय ठगी गिरोह पुलिस रिमांड पर

संगरिया. बैंकों में सेल्फ के चैकों को चुराकर उनमें कांट-छांट कर फिर से बैंक में पेश कर हेराफेरी से भुगतान लेकर लाखों रुपए की ठगी करने वाले अन्तरराज्जीय गिरोह के पांचों आरोपी चार दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। उन्हें शनिवार को हनुंमानगढ़ कोर्ट में पेश किया गया। जहां से रिमांड जारी किया गया। इस दौरान पुलिस उनसे जुड़े नेटवर्क, वारदातों सहित चैक व नकदी आदि की बरामदगी कार्रवाई करेगी।
पीएनबी बैंक से चैक चुराने का है आरोप
थाना प्रभारी सतवीर मीणा ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य के दूनी बहादुर गंज पीएस गजरोला हाल ग्राम बरहा, पुलिस थाना सुनगढी जिला पीलीभीत निवासी विकास गौतम (३०) पुत्र बाबूराम जाटव, नीरज (२९) पुत्र मोहनलाल जाटव व तौफिक अहमद अंसारी (२९) पुत्र फरीद अहमद मुसलमान सहित गांव ऐन्टापुर थाना निगोही जिला शाहजहांपुर निवासी सुशील कुमार (२३) पुत्र सुरेन्द्र पाल जाटव, वार्ड नं. 45 मोहल्ला वृन्दावन इंक्लेव, बरेली पुलिस थाना कैंट बरेली निवासी पशुपतिनाथ (३३) पुत्र रामकिशन जाटव कार तथा एक थैले में विभिन्न प्रकार की स्याही के पैन, गोंद, कैंची, रबर, स्केल, ब्रश व चैक सहित अनेक प्रकार की आईडी फोटो प्रतियां आदि साजो-सामान सहितत पुलिस के हत्थे शुक्रवार को चढ़े थे। इन पर संगरिया स्थित पीएनबी बैंक शाखा में आरटीजीएस के लिए दिए गए ५० हजार रुपए के चैक को चुराने का आरोप है। आरोपी यदि पकड़े नहीं जाते तो शायद बैंक को ५० हजार का चूना लगा देते।
१७ बैंकों को लगाई २७.३७ लाख की चपत
आरोपियों ने पूछताछ में पंजाब, राजस्थान, यूपी, महाराष्ट्र राज्यों के सीकर, पुष्कर, दौसा, रावतसर, लूणकरणसर, फाजिल्का, सरदारशहर, जयपुर, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, कोटा, ब्यावर, मलसीसर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, पीलीबंगा, नागपुर १७ जगहों पर विभिन्न तरह से चैक के माध्यम से बैंकों से २७ लाख ३७ हजार रुपए की हेराफेरी करने की वारदातें कबूली हैं। इनकी शक्ल-सूरत, चाल-ढाल व बोलचाल समेत रहन-सहन से कोई इन पर किसी बड़े गैंग का सदस्य होने का शक नहीं कर सकता।
विकास गौतम है मास्टरमाइंड
आरोपी युवक बड़े ही ऐशो-आराम की जिंदगी तथा मस्ती करने की खातिर पढ़ाई के बाद बेरोजगारी से जूझते हुए अपराध की दुनियां में ऐसे घुसे कि अब निकलने की नहीं सोच रहे। बैंको से हेराफेरी करने में शातिर खिलाड़ी हैं। महज १२वीं पास विकास गौतम गिरोह का मास्टरमाइंड है। जो सबको वारदात करने की योजना बनाकर बैंकों में भेजता। तीन जने बैंक में एक साथ घुसते और कर्मचारियों को खाता खुलवाने, आरटीजीएस व ड्राफ्ट बनवाने की बातों में उलझा लेते। मौका देखकर टेबल पर पड़े सेल्फ के चैकों को पारकर निकल जाते। कार में बैठ कर गौतम उनमें आवश्यक कांट-छांट कर आईडी के साथ फिर से चौथे जने कोचैक देकर भेज देता और बैंक से नकदी आहरण होते ही वे उस जगह को छोड़कर अन्यत्र नए शिकार की खोज में चले जाते थे।
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